काजल, दुर्गा और निधि उन लड़कियों के नाम हैं जिनकी शादी होने जा रही हैं। नारी संरक्षण गृह की चेयरपर्सन रीता मंजरावाला कहती हैं कि काजल, दुर्गा और निधि को उन्हीं की पाटीदार जाति के लोगों ने चुना है। वो बताती हैं, "यहां की एक लड़की की शादी 2011 में अमेरली के एक परिवार में हुई थी। परिवार वाले लड़की के व्यवहार से इतना प्रभावित हुए कि उनके तीन रिश्तेदार यहां दुल्हनें ढूंढ़ते आए।" विषम लिंगानुपात की वजह से नारी संरक्षण गृह को सौराष्ट्र और अन्य क्षेत्रों के पाटीदार परिवारों से रिश्ते मिलते हैं। मंजरावाला कहती हैं, "खराब लिंगानुपात की वजह से उनके लिए दुल्हन ढूंढ़ पाना बहुत मुश्किल होता है। लेकिन बाहर लड़कियां ढूंढ़ने की बजाय, बहुत सारे पाटीदार परिवार हमसे संपर्क करते हैं। इससे इन लड़कियों को नई जिंदगी मिल जाती है।
गुजरात: लड़कियों की कमी, शादियों के लिए नारी संरक्षण गृह जा रहे पाटीदार
वड़ोदरा में निराश्रित महिलाओं के लिए बने नारी संरक्षण गृह में अनाथ, विधवा और अन्य कष्ट भाेग रही महिलाएं रहती हैं। उनकी शादी के लिए जाति-धर्म के बंधन को किनारे रख कर लोग आगे आ रहे हैं। जून के अंत तक नारी संरक्षण गृह की पांच अनाथ लड़कियां शादी करने जा रही हैं। जबकि अन्य साथी और स्टाफ उन दानदाताओं की तलाश में है जो शादी का खर्च उठा लें। सभी पांचों शादियां एक ही दिन होनी हैं, लेकिन मुख्यमंत्री आनंदी बेन के कार्यालय ने अभी पुष्टि नहीं की है। नारी संरक्षण गृह में 75 लड़कियां रहती हैं और शादी यहां के लिए एक दुर्लभ मौका होती है।