सूखे में फसल की बर्बादी और कर्ज की चिंता में एक किसान ने फांसी लगाकर जान दे दी। वह अंत्योदय कार्डधारक भी था। उसकी 11 बीघा जमीन में अनाज का एक दाना भी नहीं हुआ था।
नरैनी तहसील क्षेत्र के महुई गांव के मजरा धोबिन पुरवा, फतेहगंज निवासी मोहन (35) पुत्र महिपाल ने मंगलवार रात घर के खपरैल में रस्सी बांधकर फांसी लगा ली। घटना के समय घर के सभी लोग छत पर सो रहे थे। परिजनों ने थाने में सूचना दी। नायब तहसीलदार नरैनी दिलीप कुमार कानूनगो व लेखपाल के साथ मृतक के घर पहुंचे। पुलिस ने पंचनामे के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
मृतक की पत्नी मंजू ने बताया कि 11 बीघा जमीन है। सूखे में पहले खरीफ की फसल चौपट हुई फिर रबी में भी कुछ पैदा नहीं हुआ। बची-खुची फसल अन्ना मवेशियों ने उजाड़ दी थी। इलाहाबाद बैंक बदौसा शाखा से 1.40 लाख रुपये केसीसी का कर्ज है। इसकी अदायगी की जिम्मेदारी भी मोहन पर थी।
उधर, पूर्व प्रधान गंगा यादव ने बताया कि मोहन के नाम अंत्योदय राशन कार्ड था। 28 अप्रैल को उसे समाजवादी राहत सामग्री मिली थी। कोटेदार भगवानदीन गुप्ता ने बताया कि 16 मई को उसे 20 किलो चावल और 15 किलो गेहूं दिया था। उधर, तहसीलदार गिरिवर सिंह का कहना है कि जांच रिपोर्ट उन्हें मिल गई है। घरेलू कलह के चलते उसने फांसी लगाई है।