शिव सोनी, बिलासपुर(छत्तीसगढ़)। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के नागपुर रेल मंडल में पदस्थ कांस्टेबल राम शिंदे मूलत: महाराष्ट्र लातूर जिले के अंबुलगा गांव का रहने वाला है। जिले में भीषण सूखा पड़ने के कारण यहां के लोग बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं। छुट्टी में जब जवान गांव गया तो यहां की स्थिति देखकर उसका दिल पसीज गया। उसने न केवल अपनी शादी टाल दी बल्कि इसके लिए जोड़कर रखी रकम भी गांव तक पानी पहुंचाने में खर्च कर दी। जवान अब तक लगभग 1 लाख 80 हजार रुपए खर्च कर चुका है।
30 साल का राम शिंदे शादी के लिए 2 मई को 25 दिन की छुट्टी लेकर गांव गया था। उसके गांव अंबुलगा से कुछ दूर स्थित झरी में उसकी शादी तय हुई थी। यहां पहुंचने पर देखा कि गांव के लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। गांव की स्थिति देखकर उसने अपनी शादी टाल दी।
उसने विवाह के लिए उसे पैसे जोड़कर रखे थे। उसी से गांव में पानी का इंतजाम करने का निर्णय लिया। गांव से करीब 5 किमी दूर स्थित दो निजी बोर को उसने 25-25 हजार रुपए में महीने में किराए पर लिया। इसके बाद 70 हजार खर्च कर टैंकर खरीदा। वहां से गांव तक पानी पहुंचाने 600 रुपए एक ट्रिप में एक ट्रैक्टर किराए पर लिया।
आरपीएफ के जवान की वजह से करीब 10 दिनों से किराए के बोर व ट्रैक्टर से पानी गांव तक पहुंच रहा है। लगातार पानी की आपूर्ति से गांववालों के चेहरे खिल गए हैं। इसमें तक जवान के 1 लाख 80 हजार रुपए खर्च हो चुके हैं। मालूम हो कि गांव में दो सरकारी कुआं और दो हैंडपंप हैं। वर्तमान में सभी सूख चुके हैं।
गांव की आबादी – 14 हजार
हैंडपंप – 03
कुआं – 02
पानी टंकी (25 हजार लीटर)- 01
रेलवे से मिली प्रेरणा
आरपीएफ जवान राम शिंदे बताते हैं कि गांव को पानी की समस्या से उबारने की प्रेरणा उन्हें रेल प्रशासन से मिली। लातूर में जब पानी का संकट आया तब वाटर एक्सप्रेस के जरिए जिले में पानी सप्लाई की गई। रेल प्रशासन की इस पहल के बाद ही इस तरह का ख्याल उसके मन में आया।
आरक्षक शिंदे ने अपने गांव में पानी का संकट दूर करने के लिए जो पहल की है उसकी जितनी प्रशंसा की जाए कम है। एसोसिएशन ने उसका सम्मान करने का निर्णय लिया है। एलएल यादव अध्यक्ष, ऑल इंडिया आरपीएफ एसोसिएशन दपूमरे