स्कूलों में ड्रॉप आउट एक गंभीर समस्या बनी हुई है। चाहे सरकारी स्कूल हो या निजी देशभर में ड्रॉप आउट के मामले में नॉर्थ-ईस्ट के राज्य सबसे आगे हैं। उत्तर भारत में प्राथमिक में यूपी तो उच्च प्राथमिक और सेकेंडरी में जम्मू-कश्मीर सबसे आगे हैं। सत्र 2013-14 में प्राथमिक वर्ग में 19.41 फीसदी और उच्च प्राथमिक में 17.86 फीसदी बच्चों ने नागालैंड में सबसे अधिक स्कूल छोड़ा। सेकेंडरी में ओड़िसा से सर्वाधिक 49.48 फीसदी बच्चों ने स्कूल छोड़ा।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने पहली से 12वीं तक स्कूल छोड़ने वाले बच्चों का आंकड़ा देशभर से जुटाया है। उत्तर भारत में ड्रॉप आउट के मामलों पर नजर डालें तो प्राथमिक वर्ग में उत्तर प्रदेश पहले, जम्मू-कश्मीर दूसरे, उत्तराखंड तीसरे, पंजाब चौथे, हिमाचल पांचवें व हरियाणा छठें स्थान पर है। जबकि उच्च प्राथमिक में जम्मू-कश्मीर पहले, पंजाब दूसरे, दिल्ली तीसरे, हरियाणा चौथे व उत्तराखंड पांचवें व चंडीगढ़ छठें स्थान पर है। वहीं, सेकेंडरी वर्ग में जम्मू-कश्मीर पहले, हरियाणा दूसरे, हिमाचल तीसरे, पंजाब चौथे, दिल्ली पांचवें, उत्तराखंड छठें व उत्तर प्रदेश सातवें स्थान पर है।
बेशक स्कूल छोड़ने वाले बच्चों के आंकड़े अभी अधिक हैं लेकिन सुखद पहलू यह है कि पिछले वर्षों की तुलना में ड्राप आउट की वार्षिक औसत दर में करीब दस से पंद्रह फीसदी की गिरावट आई है। ड्रॉप आउट को लेकर सरकार ने पहली बार आरक्षित व अल्पसंख्यक वर्ग के छात्रों का आंकड़ा भी जुटाया है, ताकि ऐसे छात्रों के स्कूल छोड़ने के मामलों पर लगाम लगाई जा सके।