आगरा में एक पिता को बेटे के फेल होने की वजह स्कूल से पूछना और संयुक्त शिक्षा निदेशक से शिकायत करना उस समय भारी पड़ गया, जब उस प्रतिष्ठित स्कूल की ओर से एक करोड़ रुपए का मानहानि का नोटिस भेज दिया गया. इसके साथ ही बच्चे को स्कूल से निकाल दिया गया. अब पीड़ित पिता ने इंसाफ की गुहार लगाते हुए डीएम से शिकायत करने के साथ ही सड़क पर भीख मांगने का फैसला लिया है.
क्या है मामला?
आगरा के प्रतिष्ठित स्कूल सेंट फ्रांसिस में हाजी सगीर अहमद का बेटा शहजान आठवीं क्लास का स्टू्डेंट था. उसके फेल होने पर स्कूल प्रशासन ने उसे टीसी थमा दी थी. इसके बाद पिता सगीर ने स्कूल प्रबंधन से कंटीन्यू्अस एंड कॉम्प्रेहेंसिव इवोल्यूशन नियम का हवाला देते हुए बेटे को प्रमोट करने की बात कही थी.
उनके मुताबिक, वे कई बार स्कूल गए, लेकिन सुनवाई नहीं हुई. इसके बाद उन्होंने माध्यमिक संयुक्त शिक्षा निदेशक आगरा से शिकायत की और स्कूल से रिपोर्ट मांगी, लेकिन स्कूल प्रशासन ने कोई जवाब नहीं दिया.
बीते 18 अप्रैल को सगीर खान ने अधिवक्ता के माध्यम से स्कूल प्रबंधन को नोटिस भेजा. इसके साथ ही मानव संस्थान विकास मंत्रालय का वो पत्र भी संलग्न किया, जिसमें आठवीं तक के छात्र को पास करने की बात का उल्लेख है.
15 दिन में जमा कराए 1 करोड़ रुपये
नोटिस के माध्यम से पूछा गया कि किस नियम के तहत शहजान को फेल किया है? लेकिन, स्कूल ने नोटिस का भी कोई जवाब नहीं दिया. इस पर सगीर ने 28 अप्रैल को प्रिंसिपल को नोटिस का रिमाइंडर भेजा. नोटिस के जवाब के बदले स्कूल प्रशासन के अधिवक्ता की ओर से 6 मई को छात्र के अधिवक्ता के नाम नोटिस भेजा गया.
इसमें कहा गया कि अल्पसंख्यक विद्यालय होने के चलते स्कूल शिक्षा के अधिकार के दायरे से बाहर है. साथ ही नोटिस भेजने और झूठे आरोप लगाने की बात कहते हुए छात्र पर एक करोड़ रुपये की रकम 15 दिन के अंदर अदा करने की बात कही गई.