प्रदेश के जल संसाधन और कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने बुधवार को अपने दिल्ली प्रवास के दौरान यह जानकारी दी। श्रम शक्ति भवन में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने बताया कि केंद्र ने नेशनल हाईड्रोलाजी प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश के जलाशयों को हाईटेक तकनीक से लैस करने की मंजूरी दे दी है।
इससे लैस होने के बाद जलाशय में पानी का प्रत्येक दिन की मात्रा के साथ बारिश के दौरान पानी के छोडे जाने आदि सारी हलचल आटोमेटिक तरीके से ही कम्प्यूटर पर दर्ज हो जाएगी। पानी छोडे जाने के दौरान सिस्टम स्वत: अलर्ट भी जारी करेगा। एक सवाल के जबाव में छग के जलसंसाधन मंत्री ने बताया कि इसकी मदद से प्रदेश के जलाशयों का रख-रखाव को और बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। बता दें कि छग में करीब 42 जलाशय मौजूद है।
छग के तीन सिंचाई प्रोजेक्ट को मंजूरी, दो लाख हेक्टेयर क्षेत्र की हो सकेगी सिंचाई
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की राष्ट्रीय सलाहकार समिति ने छत्तीसगढ़ के तीन सिंचाई प्रोजेक्टों को मंजूरी दे दी है। इनमें मनियारी, केलो और आरंग सिंचाई परियोजना शामिल है। इसके चालू होने से प्रदेश के करीब दो लाख हेक्टेयर क्षेत्र की सिंचाई हो सकेगी।
समिति ने इसके अलावा देश के 36 और सिंचाई प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है।सूखे के संकट से जूझ रहे छग सहित देश के कई राज्यों को बचाने के लिए केंद्र ने इन सिंचाई प्रोजेक्टों को मंजूरी दी है। सिंचाई प्रोजेक्टों को मंजूरी दिए जाने की जानकारी देते हुए छत्तीसगढ़ के जल संसाधन और कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने बताया कि समिति के सामने देश के अलग-अलग राज्यों के करीब 96 सिंचाई प्रोजेक्ट रखे गए थे।
इनमें से 39 प्रोजेक्टों को मंजूरी दी गई है। इनमें तीन छत्तीसगढ़ से जुड़े प्रोजेक्ट भी है। बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा सिंचाई प्रोजेक्टों की मंजूरी के लिए राष्ट्रीय स्तर पर बनाई गई सलाहकार समिति का अध्यक्ष बृजमोहन अग्रवाल को बनाया गया है। इस बैठक में तेलंगाना, महाराष्ट्र के सिंचाई मंत्री के अलावा उप्र, जम्मू-कश्मीर आदि राज्यों के सिंचाई विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे।