स्कूल शिक्षा विभाग की लापरवाही से अटका अध्यापकों का वेतन

भोपाल। प्रदेश के दो लाख अध्यापकों का मार्च माह का वेतन वित्त और स्कूल शिक्षा विभाग की लापरवाही से अटका है। इन विभागों के अधिकारी वेतन वितरण की व्यवस्था बनाने में लगे रहे और वेतन लेट हो गया। अध्यापकों को छठवें वेतनमान का लाभ देने को लेकर भी ऐसे ही हालात हैं। वित्त विभाग ने अध्यापकों के बजट मद में परिवर्तन कर दिया है। विभाग के अधिकारियों के मुताबिक ऐसा ग्लोबल व्यवस्था बनाने के उद्देश्य से किया है। उन्हें ट्रेजरी के सेंट्रल सर्वर से जोड़ा जा रहा है, ताकि भविष्य में वेतन वितरण में देरी न हो।

यह प्रक्रिया पिछले माह शुरू हुई थी। काम धीमी गति से चलने से इतनी देरी हो गई कि अध्यापक आर्थिक संकट से परेशान हो गए। स्कूल शिक्षा विभाग के अपर संचालक (वित्त) मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि अध्यापकों को सेंट्रल सर्वर से जोड़ने का काम पूरा हो गया है। इसके साथ ही वेतन बांटना भी शुरू कर दिया है। कुछ दिनों में सभी अध्यापकों को वेतन मिल जाएगा। उन्होंने कहा कि इस माह छुट्टियां भी ज्यादा थीं। इस कारण भी देरी हुई है। अब जहां से शिकायतें आ रही हैं, उनका निराकरण कर अध्यापकों को तुरंत वेतन दिलाया जा रहा है।

अब तैयार हुआ गणना पत्रक का प्रारूप

उधर, नगरीय प्रशासन और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने अध्यापकों को छठवां वेतनमान देने के लिए गणना पत्रक का प्रारूप तैयार किया है, जो वित्त विभाग को सहमति के लिए भेजा है। वित्त विभाग के अधिकारी इस प्रारूप से सहमत हुए तो ठीक। वरना अध्यापकों को नए वेतनमान के लिए और कुछ महीने इंतजार करना पड़ सकता है।

 

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