2001 के डाटा के मुताबिक, जमीन के भीतर प्रति व्यक्ति 5,120 लीटर पानी बचा है जोकि साल 1951 में 14,180 लीटर हुआ करता था। यानी 2001 में 1951 के मुकाबले आधा पानी रह गया है। अनुमान लगाया जा रहा है कि साल 2025 तक पानी की उपलब्धता 25 फीसदी ही रह जाएगी।
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विशेषज्ञों का कहना है कि जमीन के भीतर जाते पानी को बचाने के लिए जल संरक्षण की जरूरत है और इसके लिए बारिश के पानी को तालाबों, नहरों कुओं में संचित करना जरूरी है। साथ ही साथ लोगों को जल संरक्षण के लिए शिक्षित करने और उन्हें प्रेरित करने की जरूरत है।