निजी कंपनियां करेंगे बीमा
सूत्रों के मुताबिक फसल बीमा का काम निजी कंपनियां करेंगी। ज्यादा से ज्यादा किसानों को इसके दायरे में लाने के लिए कंपनियां एजेंट भी नियुक्त करेंगी। ये लोग गांवों में जाकर किसानों को बीमा कराने के लिए प्रेरित करेंगे और प्रीमियम भी एकत्र करेंगे। कंपनी तय करने के लिए कृषि विभाग जल्द ही निविदा आमंत्रित करेगा। जो कंपनी कम प्रीमियम लेगी, उसे पहले मौका दिया जाएगा। कंपनी को भी संभाग या जिले आवंटित किए जाएंगे।
मौजूदा योजना
– बारिश कम होने के कारण किसान बोवनी नहीं कर पाता है तो उसे बीमा का फायदा नहीं मिलता है।
– प्रीमियम खरीफ के लिए 10 प्रतिशत और रबी फसलों के लिए 11 प्रतिशत के आसपास लगता है।
– फसल कटने के बाद खलिहान में रखने के दौरान बारिश से खराब होने पर बीमा नहीं मिलता है।
– फसल और जिले के हिसाब से प्रीमियम की दर तय होती है।
– नुकसान का आकलन परपंरागत कटाई प्रयोग के हिसाब से होता है।
– किसान की अचल संपत्ति के नुकसान पर कोई बीमा नहीं।
नई योजना
– कम बारिश के चलते बोवनी नहीं होने पर भी 25 प्रतिशत बीमा मिलेगा।
– खरीफ के लिए 2 और रबी फसलों के लिए सिर्फ 1.5 प्रतिशत प्रीमियम किसान को देना होगा।
– फसल कटने के बाद 14 दिन तक खलिहान में रखी फसल बीमा के दायरे में रहेगी।
– एक मौसम, एक दर का फार्मूला रहेगा।
– नुकसान का आकलन रिमोट सेंसिंग, ड्रोन और स्मार्टफोन के जरिए किया जाएगा।
– किसान की दुर्घटना में मृत्यु होने या अचल संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर भरपाई होगी।
कैबिनेट अब 21 को- बुधवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक अब 21 अप्रैल गुरुवार को होगी। बुधवार को बीजेपी के प्रदेश पदाधिकारियों की दोपहर बाद चार बजे से बैठक के मद्देनजर कार्यक्रम में बदलाव किया गया है।