बड़े कर्जदारों के मुद्दे पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को कड़ी फटकार लगाई। शीर्ष अदालत ने कहा कि अमीर लोग करोड़ों का कर्ज लेकर खुद को दिवालिया घोषित कर देते हैं , लेकिन बैंक उन पर कार्रवाई नहीं करते। वहीं,गरीब किसान अगर मामूली सा कर्ज न चुकाए तो उसकी संपत्ति जब्त कर ली जाती है।
आरबीआई क्या कर रहा : मुख्य न्यायाधीश जस्टिस टीएस ठाकुर की पीठ ने कहा कि आरबीआई का काम बैंकों पर नजर रखना भी है। इसलिए उसे पता होना चाहिए कि बैंक आम जनता का पैसा किसे कर्ज के रूप में दे रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई के साथ केंद्र सरकार से भी पूछा कि वे बकायेदारों से रकम वसूलने के लिए क्या कदम उठा रहे हैं।
मामले की अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी।
क्या था मामला : पीठ ने गत माह एक मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लिया था। इसमें कहा गया था कि 2013-15 के दौरान 1.14 लाख करोड़ का कर्ज सरकारी बैंकों ने माफ कर दिया है। पीठ ने रिजर्व बैंक से कहा था कि वह 500 करोड़ रुपये और उससे ऊपर वाले बकायेदारों के नाम दे। कोर्ट ने कहा था कि इनके पास बैंकों का कर्ज लौटाने का पैसा नहीं है, लेकिन ये विलासितापूर्ण जिंदगी जी रहे हैं।