नई दिल्ली.मुकेश अंबानी के जीजा… गुजराती बिजनेसमैन गौतम अडानी के भाई विनोद के समधी… बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम के साले… अमिताभ के छोटे भाई अजिताभ बच्चन… मोदी सरकार में मंत्री… तो कोई पिछले 15 साल से बीजेपी की सहयोगी पार्टी का सांसद। यकीनन ये सभी सम्मानित नाम हैं। लेकिन ये सभी विलफुल डिफॉल्टर्स यानी पैसा चुकाने की हैसियत होने के बाद भी जानबूझकर न चुकाने वाले लोग भी हैं।डिफॉल्टर हैं, लेकिन ऐशो-आराम पर करोड़ों खर्च कर देते हैं…
– ये सभी VVIP’s बैंकों का पैसा वापस नहीं कर रहे, जो इन्होंने बतौर लोन कई सालों पहले लिया था। इतना ही नहीं, इनमें से कई लोग डिफॉल्टर होने के बाद भी बैंकों को पैसा चुकाने की जगह करोड़ों रुपए ऐशो-आराम के लिए या अलग-अलग जगह खर्च करते नजर आए।
– फिर चाहे पूर्व काेयला मंत्री के रिश्तेदार का अपनी बेटी की शादी में 700 मेहमानों को प्लेन से थाईलैंड ले जाना हो… या अंबानी के जीजा की बेटी की शादी में दुनिया के सबसे महंगे घर में हुआ फंक्शन हो… या फिर मोदी सरकार में शामिल पार्टी के सांसद का 4.73 करोड़ रुपए का लोन लेकर BMW, मर्सडीज और लैम्बोर्गिनी कार खरीदना हो…।
– मामले को लेकर जब dainikbhaskar.com ने सभी 10 डिफॉल्टर्स और उनकी कंपनियों से उनका पक्ष जानना चाहा तो 4 लोगों को छोड़कर बाकी किसी ने कई बार ईमेल करने और फोन करने पर भी जवाब नहीं दिया।
सरकारी कंपनी भी है डिफॉल्टर
मोदी सरकार के कृषि मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली कंपनी नेफेड भी जानबूझकर बैंकों का पैसा नहीं चुका रही है। कंपनी को पीएनबी और स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर-जयपुर ने विलफुल डिफॉल्टर की लिस्ट में शामिल किया है। इस पर पीएनबी का 225 करोड़ बकाया है।
भारतीय इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला भी इसके आगे छोटा
बैंकों के पैसे नहीं चुकाने वाले VVIP’s की फेहरिस्त काफी लंबी है। देश में 18,176 लोग/कंपनियां विलफुल डिफॉल्टर हैं। इन सबका भारतीय बैंकों पर दो लाख 35 हजार करोड़ रुपए बकाया है। ये राशि भारतीय इतिहास में अब तक के सबसे बड़े घोटाले कोल ब्लाॅक स्कैम (करीब 1.86 लाख करोड़ का) और 2 जी स्कैम (करीब 1.76 लाख करोड़ का) से भी ज्यादा है। ये सभी 25 लाख और एक करोड़ रुपए से अधिक वाले बकायादार हैं। ये आंकड़े क्रेडिट इन्फॉर्मेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड (सिबिल) के हैं।
इन पर कब कार्रवाई करेगी सरकार
सवाल ये है कि सरकार, बैंक, कोर्ट और जांच एजेंसियां देश के बैंकों के 9 हजार करोड़ रुपए लेकर फरार चल रहे विजय माल्या पर फोकस कर रही है और देश के बाकी ये 10 ‘माल्या’ जो कर्ज दबाकर बैठे हैं, सरकार इन पर कब कार्रवाई करेगी?
दिलचस्प है कि आरबीआई ने बंद लिफाफे में 500 करोड़+ के डिफॉल्टरों की लिस्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है। bhaskar.com पहली बार देश के 10 बड़े डिफॉल्टर्स के VVIP’s कनेक्शन के बारे में बताने जा रहा है। आगे की स्लाइड्स पर क्लिक कर एक-एक कर जानें कौन हैं ये रसूखदार…
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बकाया के आंकड़ों का सोर्स: कर्ज का हिसाब रखने वाली संस्था CIBIL, EUIIFAX + पीएनबी, बैंक ऑफ बड़ौदा, इंडियन ओवरसीज बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स,यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब और सिंध बैंक, विजया बैंक, स्टेट बैंक ऑफ जयपुर-बीकानेर + AIBEA (ऑल इंडिया बैंकिंग इम्प्लॉइज एसोसिएशन)।
कंपनियों की मार्केट वैल्यू का सोर्स: बीएसई और एनएसई (दोनों भारतीय शेयर बाजार के एक्सचेंज हैं।)
कंपनियों की बाकी डिटेल: मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स और कंपनियों की साइट।
नोट: बकाए का आंकड़ा सिबिल (यह संस्था गवर्नमेन्ट और आरबीआई से मान्यता प्राप्त है जो कर्ज का हिसाब रखती है) और बैंकों के लास्ट अपडेट जानकारी के मुताबिक है। बता दें कि सिबिल और बैंक विलफुल डिफॉल्टर्स की लिस्ट लगातार अपडेट कर रहे हैं। इसलिए आंकड़ों में बदलाव संभव है।