उन्होंने ट्वीट किया, ‘मेरठ की देविका सिरोही को बधाई, जो जीका वायरस के सफलता पूर्वक डीकोड करने वाले अमेरिकी टीम का हिस्सा हैं।’ गृहमंत्री ने कहा देविका ने केवल अपने परिवार को ही नहीं बल्कि पूरे देश का नाम ऊंचा किया है।
जीका वायरस को पहचानना काफी मुश्किल होता जा रहा था पर अब इसे सफलता पूर्वक डीकोड कर दिया गया है। देविका का मानना है कि एंटी वायरल वैक्सीन व ड्रग्स बनाना संभव होगा। टीम में तीन प्रोफेसर और चार छात्र शामिल थे।
देविका सिरोही की इस उपलब्धि ने लड़कियों की शिक्षा के महत्व को भी दर्शाया है। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की ओर हमारा फोकस होना चाहिए।
देविका ने स्कूल की पढ़ाई मेरठ के स्कूल ‘दयावती मोती अकेडमी’ से पूरी की, इसके बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से बायोकेमेस्ट्री में ग्रेजुएशन और मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च से एमएससी किया।
अब वह अमेरिका में पीएचडी की पढ़ाई कर रही हैं। सात रिसर्चर वाले इस टीम में अमेरिका यूनिवर्सिटी की 29 वर्षीय छात्रा देविका, टीम में सबसे कम उम्र की सदस्या हैं।