बैकफुट पर प्रशासन, 63 ग्रामीणों के मुचलके वापस

ग्रेटर नोएडा। बिसाहड़ा कांड में गुरुवार को 63 ग्रामीणों के मुचलके पाबंद की सूची जारी करने वाली पुलिस भारी विरोध के चलते दूसरे ही दिन बैकफुट पर आ गयी। रात में मंदिर पर हुई पंचायत के बाद सुबह भीड़ जुटनी शुरू हुई तो प्रशासन के हाथ पांव फूल गए।

आनन -फानन में मुचलका पांबद करने का फरमान वापस लेना पड़ा। 63 ग्रामीणों को मुचलका पांबर करने के खिलाफ गांव में जबर्दस्त प्रतिक्रिया हुई। भड़के ग्रामीणों ने बीती रात मंदिर पर पंचायत कर विरोध करने का निर्णय लिया और शुक्रवार सुबह नौ बजे ग्रामीणों की भीड़ जुटने की सूचना पर गांव पहुंचे एसडीएम दादरी राजेश कुमार सिह और सीओ दादरी अनुराग सिह ने आश्वासन दिया कि कोई मुचलका नहीं भरा जाएगा।

इस संबंध में कोई कार्रवाई भी नहीं होगी। शुक्रवार दोपहर पहली बार ग्रामीणों और प्रशासन में वार्ता हुई। ग्रामीणों ने फिर दोहराया कि बिसाहड़ा कांड की सीबीआइ जांच और मांस की फोरेंसिक रिपोर्ट सार्वजनिक होनी चाहिए। इस बीच गांव के लोग पांच अप्रैल को नोएडा में कार्यक्रम में आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन सौपेंगे।

शुक्रवार को बिसाहड़ा गांव के प्राइमरी विद्यालय में पढ़ने वाले कक्षा एक से पांच तक के बच्चों का रिजल्ट बांट दिया गया।

माहौल बिगड़ते देख सीएम ने डीएम को बुलाया वापस

बिसाहड़ा कांड की सुलगती चिगारी को बुझाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार सतर्क हो गई है। सीएम अखिलेश यादव के बुलावे पर डीएम एनपी सिह को हैदराबाद से वापस बुला लिया गया है। वह 40 दिन के प्रशिक्षण पर हैदराबाद गए थे।

शासन को पूरी उम्मीद है कि डीएम बिसाहड़ा गांव के बिगड़ते माहौल पर जल्द काबू पा लेंगे। हालांकि ग्रामीणों को शांत करना बड़ी चुनौती भरा होगा। विरोध प्रदर्शन कर उग्र होते ग्रामीणों को देख गांव में पीएसी तैनात की गई है।

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