रायपुर, उरला व सिलतरा में औद्योगिक समूहों द्वारा स्थानीय श्रमिकों को निकाले जाने का मामला विधानसभा में उठा। भाजपा के देवजी पटेल ने प्रश्नकाल में मामला उठाया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के श्रमिकों को चुन-चुन कर निकाला जा रहा है। श्रम मंत्री भईया लाल राजवाड़े ने कहा कि सदस्य के साथ जाकर कार्रवाई करेंगे। इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
प्रदेश में जलसंकट व्याप्त होने का मामला भी विधानसभा में गूंजा। कांग्रेस सदस्य भूपेश बघेल ने ध्यानाकर्षण सूचना के माध्यम से उठाया मामला। उन्होंने कहा कि तालाब सूखने के कगार पर है। नदियां सूख चुकी हैं। पेयजल के लिए बांधों से पाने छोड़ने की मांग की। इस पर पीएचई मंत्री अजय चन्द्राकर ने कहा कि पेयजल के लिए कलेक्टरों को 22 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं।
मंत्री ने स्वीकार किया कि प्रदेश में जल संकट की भयावह स्थिति है। 15 अप्रैल के बाद बांधों से तालाबों को निस्तारी के लिए भरने पानी छोड़ा जाएगा। बांधों में पेयजल के लिए पानी सुरक्षित रखा गया है। प्रदेश में निजी नलकूप खनन पर प्रतिबंध है।