रायपुर। छत्तीसगढ़ में अब कोई भी भू-स्वामी या व्यक्ति अपने जमीन के रिकार्ड को इंटरनेट के माध्यम से कभी भी, कहीं से भी देख सकेगा और उसकी प्रतिलिपि भी प्राप्त कर सकेगा। ऐसी प्रतिलिपियों को साक्ष्य के रूप में मान्यता देने का भी प्रावधान किया जा रहा है। राजस्व मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय ने शनिवार को विधानसभा में विभागीय अनुदान मांगों पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए यह जानकारी दी।
राजस्व मंत्री ने बताया कि प्रदेश के 20 हजार 169 ग्रामों में से 19 हजार 530 ग्रामों के खसरा, बी-1 तथा भू-नक्शे का शत-प्रतिशत कंप्यूटरीकरण और 75 प्रतिशत अभिलेखों को ऑनलाइन कर लिया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के शहरी क्षेत्रों से लगे गांवों का नए सिरे से सर्वेक्षण कर नया नक्शा तथा रिकॉॅर्ड बनाया जाएगा। इसके लिए इस वर्ष ई-धरती कार्यक्रम शुरू किया गया है।
ई-धरती कार्यक्रम में शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों की आबादी भूमि का भी सर्वेक्षण किया जाएगा। प्रदेश के सभी राजस्व न्यायालयों को ई-न्यायालय में बदला जाएगा। उन्होंने आबादी भूमि के सर्वेक्षण जिला रिकॉर्ड रूम कम्प्यूटरीकरण, पटवारी हल्कों तथा राजस्व निरीक्षक मंडलों के पुनर्गठन, राजस्व विवाद मुक्त गांवों के निर्माण और तहसील स्तरीय लोक सेवा केन्द्रों की योजनाओं के बारे में जानकारी दी।
कॉलेजों में वाईफाई सुविधा
उच्च शिक्षा मंत्री ने महाविद्यालयीन पंचमुखी विकास कार्यक्रम और स्वामी विवेकानंद ज्ञानदीप योजना शुरू करने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के अंतर्गत महाविद्यालयों में स्वच्छ शौचालय, स्वच्छ पेयजल, महाविद्यालय का रंगरोगन, अकादमिक ऑडिट और वाईफाई की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इसी तरह शैक्षणिक गुणवत्ता को बेहतर बनाने तथा बेहतर संसाधन उपलब्ध कराने के लिए अधोसंरचना का समुचित विकास किया जाएगा। इस प्रकार की परिकल्पना करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है।
भिलाई में आईआईटी
उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय प्रौद्योगिक संस्थान (आईआईटी) भी भिलाई में स्वीकृत हो चुका है। पांच आवासीय महाविद्यालय राजनांदगांव, दुर्ग, रायपुर, कांकेर और जगदलपुर में स्वीकृत किए गए हैं। सभी छात्रावासों में सुरक्षा गार्ड तैनात किए जाएंगे। महाविद्यालयीन छात्र-छात्राओं को लैपटॉप और टेबलेट वितरण के लिए भी बजट में प्रावधान किया गया है।
इस साल आठ नए आईटीआई
तकनीकी शिक्षा मंत्री ने बताया कि इस साल छुरा, बास्तानार,उदयपुर, लुण्ड्रा, कांसाबेल, पलारी, बम्हनीडीह व खैरागढ़ में नए आईटीआई खोले जाएंगे। उन्होंने कहा कि युवाओं का कौशल उन्नयन राज्य सरकार की प्राथमिकता है। वर्तमान में सभी जिलों में 163 शासकीय आईटीआई संचालित हैं। इनमें 34 तकनीकी और 12 गैर तकनीकी व्यवसायों में सीटों की संख्या बढ़कर 18 हजार से ज्यादा हो गई है। सभी जिलों में लाइवलीहुड कॉलेज संचालित हैं।
अनुदान मांगें पारित
विधानसभा में चर्चा के बाद उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार, विज्ञान, सूचना प्रौद्योगिकी, राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग की दो हजार 776 करोड़ 99 लाख रुपए की अनुदान मांगों को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।