नई दिल्ली। एक करोड़ रुपये से ज्यादा कृषि आय घोषित करने वालों में बेंगलुरु, दिल्ली, मुंबई और कोलकाता जैसे मेट्रो शहर अव्वल हैं। आयकर विभाग के पिछले नौ निर्धारण वर्षों के आंकड़ों से यह तथ्य सामने आए हैं।
विभाग इस तरह के चुनिंदा मामलों में कर चोरी की जांच कर रहा है। हाल ही में कर अधिकारियों को इस आशय के निर्देश जारी किए गए थे। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, निर्धारण वर्ष 2008-09 से 2015-16 के बीच अकेले बेंगलुरु क्षेत्र में 321 हस्तियों ने एक करोड़ रुपये से ज्यादा की कृषि आय घोषित की है। जबकि दिल्ली में 275, कोलकाता में 239, मुंबई में 212, पुणे में 192, चेन्नई में 181, हैदराबाद में 162, तिरुवनंतपुरम में 157 और कोच्चि में 109 लोगों ने एक करोड़ रुपये से ज्यादा की कृषि आय घोषित की।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को संसद में कहा कि कथित रूप से कर योग्य आय को कृषि आय के रूप में दिखाने के लिए कई प्रतिष्ठित लोगों के खिलाफ जांच की जा रही है। उन्होंने विपक्ष से अनुरोध किया कि अगर इस जांच में उनके लोगों के नाम सामने आएं तो इसे ‘राजनीतिक उत्पीड़न’ न कहें।
देशभर में आयकर विभाग के आकलन अधिकारियों को निर्धारण वर्ष 2011-12 से 2013-14 तक इस श्रेणी के चुनिंदा मामलों को प्रमाणित करने के निर्देश दिए गए हैं। यह कदम पटना हाई कोर्ट में दायर एक जनहित याचिका के बाद उठाए गए हैं। इस याचिका में कहा गया है कि कुछ लोग अपनी अघोषित या अवैध आय को कृषि आय के रूप में दिखा रहे हैं। बता दें कि कृषि आय को देश में आयकर से छूट हासिल है।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, पिछले नौ निर्धारण वर्षो में कुल 2,746 लोगों ने एक करोड़ रुपये से ज्यादा की कृषि आय घोषित की है। जबकि तीन निर्धारण वर्षों (2011-12 से 2013-14) की अभी जांच की जानी है। विभाग को आशंका है कि इस श्रेणी में कर छूट का दावा करने वाले ज्यादातर मामलों में डाटा एंट्री की गड़बड़ी हुई है या फिर ये वास्तविक कर चोरी के मामले हैं। इस संदर्भ में 20 मार्च तक सीबीडीटी को रिपोर्ट भेजी जानी है। बाद में इसे आगे की कार्रवाई के लिए पटना हाई कोर्ट में दाखिल किया जाएगा।