अहमदाबाद। देश में जहां विकास और डिजिटल इंडिया की बात की जाती है लेकिन जातिगत भेदभाव से अब तक पीछा नहीं छूट पाया है।
जानकारी के अनुसार जहां देश के कई मंदिरों में महिलाओं के प्रवेश को लेकर विवाद जारी है वहीं गुजरात में 13 मंदिर ऐसे हैं जहां दलितों को अब भी प्रवेश नहीं दिया जाता। यह बात राज्य विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान राज्य के गृहमंत्री ने शहरकोटडा के विधायक शैलेष परमार के सवाल का जवाब देते हुए स्वीकार की है।
गृहमंत्री ने अपने जवाब में बताया है कि राज्य के जो तेरह मंदिर हैं, उनमें अहमदाबाद ग्रामीण का एक, भरूच के तीन, देवभूमि द्वारका का एक, गिर-सोमनाथ के दो, पोरबंदर के दो, आणंद के दो, महीसागर का एक और बनासकांठा एक मंदिर शामिल है।
राज्य में दलितों से भेदभाव का उदाहरण हाल में तब सामने आया था जब जामनगर के एक मंदिर के बाहर दलितों को प्रवेश से रोकने का पोस्टर लगा दिखा था। इसमें लिखा था कि रूप से लिखा था कि मंदिर के अंदर दलित भाई-बहन, मुस्लिम, बुनकर, देवीपूजक व कोली समाज के लोग प्रवेश न करें।