इसमें जिले में उपलब्ध जल संसाधन की पूरी जानकारी उपलब्ध होगी। भूमिगत पानी की मात्रा भी मापी जाएगी। इसके अलावा, रेनशेड एरिया की भी गणना की जाएगी।
जिले की सभी जल संरचनाओं की गणना की जाएगी। फिर जीआईएस एवं रिमोट सेंसिंग टेक्नालॉजी के माध्यम से उनका अक्षांश-देशांतर लेकर मैपिंग तैयार की जाएगी। इससे जिले में उपलब्ध जल संसाधन की सटीक जानकारी मिल सकेगी। जिले के इरीगेशन प्लान के आधार पर बजट उपलब्ध होगा।
इसमें जल संसाधन के निर्माण, उपलब्ध जल संसाधन संरचनाओं का जीर्णोद्धार तथा वाटर शेड के अनेक कार्यक्रम सम्मिलित होंगे। योजना इतने सूक्ष्म स्तर पर तैयार की जा रही है कि इसमें फसल आधारित वाटर बजटिंग भी होगी। बड़ी जल संरचना को वाटर बैंक माना जाएगा। इन्हें छोटी नहरों से जोड़कर छोटी जल संरचना तक लाया जाएगा, जिन्हें वाटर एटीएम कहा जाएगा।
इसके बाद हर किसान के खेत में रबी, खरीफ अथवा जायद फसल की जरूरत के अनुरूप पानी दिया जाएगा। इस संबंध में मंत्रालय से आए अधिकारी एसबी कुशवाह ने भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत हर जिले का इरीगेशन प्लान तैयार किया जा रहा है, जिससे अगले एक दशक तक उपलब्ध जल संसाधन का बेहतर इस्तेमाल हो सकेगा। बैठक में कलेक्टर केसी देवसेनापति, सीईओ जेश्रीराम, सहायक कलेक्टर कुलदीप शर्मा भी उपस्थित थे।
फिलहाल छत्तीसगढ़ में राजनांदगांव जिले का इरीगेशन प्लान तैयार कर लिया गया है और इसकी जीआईएस मैपिंग भी हो चुकी है। दंतेवाड़ा में विभिन्न विभागों से जानकारियां मांगी गई हैं। प्लान तैयार कर शासन को भेजा जाएगा।