जयपुर। राजस्थान के नागौर जिले में कन्या भ्रूण की जांच नियंत्रित करने के लिए नया तरीका अपनाया गया है। यहां के जिला प्रशासन ने जिले के सोनोग्राफी सेंटरों को जिले की सर्वाधिक प्रतिभाशाली 50 गरीब बच्चियों की पढ़ाई का जिम्मा सौंप दिया है। राजस्थान में नागौर का बाल लिंगानुपात बहुत खराब है।
यहां 1000 लड़कों पर सिर्फ 888 लड़कियां हैं। इसे बेहतर करने के लिए यहां के जिला प्रशासन ने तय किया है कि जिले के 50 रजिस्टर्ड सोनोग्राफी सेंटर जिले की 50 गरीब बच्चियों की उच्च शिक्षा का खर्च उठाएंगे। इसके लिए इनसे प्रतिमाह 10 हजार रुपए का सहयोग लेकर फंड बनाया जाएगा।
सेकंडरी व सीनियर सेकंडरी के अंकों के आधार पर लड़कियों का चयन किया जाएगा। उनकी रुचि और अंकों के आधार पर जहां उन्हें प्रवेश मिलेगा, उसका खर्च इस फंड से उठेगा। इसके लिए समिति का भी गठन किया गया है।