एमबीबीएस डॉक्टरों की नियुक्ति ग्रामीण क्षेत्रों में अनिवार्य करने का मामला भले ही अटका हो, लेकिन सरकार ने गांवों में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी पूरी करने के लिए विशेषज्ञ नर्सों का नया कैडर बनाने की तैयारी कर ली है। इसके लिए स्वास्थ्य मंत्रालय 2 नये स्पेशल कोर्स शुरू करने जा रहा है। इनसे न सिर्फ नयी और मौजूदा नर्सों को करियर में आगे बढ़ने का मौका मिलेगा, वहीं ग्रामीणों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी। योजना पर तेजी से काम चल रहा है।
2 साल की अवधि वाले ये कोर्स सितंबर से शुरू होने की उम्मीद है। इनमें से ‘नर्स प्रेक्टिशनर क्रिटिकल केयर’ नाम के काेर्स को स्वास्थ्य सचिव की मंजूरी मिल चुकी है। बीएससी नर्सिंग और जीएनएम कोर्स कर चुकी नर्सें इसमें दाखिला ले सकेंगी।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘यह नया पीजी कोर्स नर्सों को स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी गंभीर स्थितियों में काम करने के लिए तैयार करेगा। कोर्स को भारतीय नर्सिंग काउंसिल की मंजूरी भी मिल चुकी है। यह कोर्स आईसीयू और सीसीयू के स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरत पूरी करेगा, वहीं नर्सों को करियर और कमाई का नये अवसर भी देगा।’
‘नर्स प्रेक्टिशनर प्राइमरी कोर्स’ नाम के दूसरे कोर्स को भी जल्द मंजूरी मिलने की उम्मीद है। यह कोर्स नर्सों को ऐसे उप केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए तैयार करेगा, जहां डॉक्टर उपलब्ध नहीं हैं। यह कोर्स भी बीएससी नर्सिंग और जीएनएम कर चुकी नर्सों के लिए होगा।
एक अधिकारी ने कहा कि दोनों नये नर्सिंग कोर्सों के बारे में जल्द ही राज्य सरकारों को लिखा जाएगा। राज्य इसे सरकारी कॉलेजों में शुरू कर पाएंगे। शुरुआत केंद्रीय संस्थानों से होगी। निजी कॉलेज भी इन्हें जरूरी मंजूरी के बाद शुरू कर सकेंगे।