एसईजेड को नई ऊर्जा दे सकता है आम बजट

नई दिल्ली। ग्लोबल मंदी से निर्यात में गिरावट और रोजगार सृजन की धीमी रफ्तार को देखते हुए सरकार विशेष आर्थिक क्षेत्रों (एसईजेड) में नई जान फूंकने की तैयारी कर रही है। माना जा रहा है कि सरकार तटीय क्षेत्रों में बड़े आर्थिक क्षेत्रों को बढ़ावा देने को आम बजट में कुछ प्रोत्साहनों की घोषणा कर सकती है।

हालांकि, एसईजेड को ये प्रोत्साहन तभी मिलेंगे जब वे वांछित स्तर पर रोजगार सृजन करेंगे। सूत्रों ने कहा कि आम बजट 2016-17 में एसईजेड को प्रोत्साहनों की घोषणा की जा सकती है। सरकार की कोशिश तटीय क्षेत्रों खासकर बंदरगाहों के आस-पास बड़े निर्यात क्षेत्रों को बढ़ावा देने की होगी। चीन में यह मॉडल सफल रहा है। गुजरात में भी बंदरगाहों के पास लगे निर्यात क्षेत्रों का प्रदर्शन बेहतर रहा है।

सूत्रों के मुताबिक,एसईजेड में स्थित इकाइयों को न्यूनतम वैकल्पिक कर (मैट) से छूट दी जा सकती है। सरकार ने यह टैक्स 2011-12 में लगाया था। फिलहाल मैट की दर 18.5 फीसद है। इस टैक्स के लगने के बाद एसईजेड पर काफी विपरीत असर पड़ा। एसईजेड के मैट के दायरे में आने से पहले 2009-10 में एसईजेड से निर्यात में 121 फीसद वृद्धि हुई थी जो देश के कुल निर्यात में वृद्धि दर से अधिक थी।

दरअसल सरकार को निर्यात क्षेत्र को बढ़ावा देने की जरूरत इसलिए पड़ रही है क्योंकि चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से दिसंबर के दौरान निर्यात में 18 फीसद की गिरावट आई है। इससे रोजगार देने वाले क्षेत्रों पर नकारात्मक असर पड़ा है। रोजगार सृजन के बारे में एसईजेड के विगत के अनुभव को देखते हुए यह तय किया गया है कि अब एसईजेड को प्रोत्साहन रोजगार सृजन के आधार पर ही मिलेंगे। अगर एसईजेड रोजगार सृजित नहीं करते हैं तो उन्हें प्रोत्साहित नहीं किया जाएगा।

सरकार ने नीति में यह बदलाव पुराने अनुभव को देखते हुए किया है। संप्रग सरकार के कार्यकाल में एसईजेड में निवेश तो खूब बढ़ा लेकिन रोजगार के अवसर नहीं बढ़े। दूसरी ओर सरकार को टैक्स छूट के रूप में भारी भरकम राजस्व भी गंवाना पड़ा।

कैग की रिपोर्ट में भी इस बात का खुलासा हुआ था। कैग ने जब 117 एसईजेड के रोजगार संबंधी दावों की जांच की तो पता चला कि 2006-07 से 2012-13 के दौरान एसईजेड से मात्र 2,84,000 ही रोजगार सृजित हुए जबकि इनसे 39,17,699 रोजगार सृजित होने का अनुमान व्यक्त किया गया था। हालांकि, इस अवधि में सरकार ने एसईजेड को 83,104 करोड़ रुपये की भारी भरकम टैक्स छूट दी।

 

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