राज्य में बड़ी-छोटी मिलाकर कुल 69 मंडी हैं, जिसे 4 अलग-अलग ग्रेड में बांटा गया है। ऑनलाइन बोली में भाग लेने के लिए व्यापारियों को रजिस्ट्रेशन कराना होगा। फिर लॉग इन करने के लिए एक आईडी व पासवर्ड दिया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार वर्ष 2017 तक प्रदेश की सभी 69 मंडियों पर ऑनलाइन बोली शुरू हो जाएगी।
वर्तमान में इस तरह की प्रक्रिया
मंडी में आए अनाज की खरीदी के लिए व्यापारियों को मंडी से लाइसेंस लेना होता है। इसके बाद ही व्यापारी बोली में भाग ले सकता है। वर्तमान में आ रही प्रमुख समस्या अनाज की क्वालिटी के हिसाब से किसानों को दाम न मिलना है। बताया जाता है कि संबंधित अनाज की अधिकतम बोली एक सीमा तक ही लगाई जाती है, क्योंकि इसके पीछे व्यापारियों की सांठगांठ होती है, लेकिन अब ऑनलाइन बोली से कोई भी व्यापारी किसी भी मंडी में आए अनाज की बोली घर बैठे लगा सकता है अर्थात सांठगांठ करने वाले ग्रुप से बाहर दूसरे प्रदेश या शहर के व्यापारी ज्यादा दाम में अनाज अपनी मांगों के हिसाब से खरीद सकेंगे, जिसका सीधा फायदा किसानों को मिलेगा।
ई-ट्रेडिंग की प्रक्रिया इस तरह
मंडी में किसान द्वारा लाए गए अनाज का सैंपल लिया जाएगा, जिसके बाद 4 प्रकार की ग्रेडिंग दी जाएगी। दिन के एक निश्चित समय में मंडी से रजिस्टर्ड व्यापारी बोली लगाना शुरू करेंगे। अंत में जिसकी कीमत ज्यादा रहेगी, फिर बोली बंद कर दी जाएगी और इसकी जानकारी किसान व मंडी अधिकारी के मोबाइल नंबर पर पहुंचेगी, जिसके बाद किसान को मैसेज के माध्यम से ही उक्त दाम के बारे हां या न लिखकर जवाब देना है। इस तरह किसान को बोली से अधिकतम दाम मिल सकेगा ।
ऑनलाइन बोली के लिए पहले चरण में पांच मंडियों को चुना गया है। हैदराबाद की नागार्जुन फर्टिलाइजर्स लिमिटेड ई ट्रेडिंग से संबंधित सॉफ्टवेयर तैयार कर रही है। बहुत जल्द इसके तहत किसानों के अनाज की खरीदी भी शुरू हो जाएगी। -नरेन्द्र शुक्ला, एमडी, मंडी बोर्ड छत्तीसगढ़