उमरिया। धान बेचने वाले किसानों ने कहीं सूखा राहत का मुआवजा भी तो नहीं लिया है अब इसकी जांच होगी। जांच के लिए राजस्व और धान खरीदने वाले खाद्य विभाग को राहत पाने वाली सूची का मिलान करने का आदेश दिया गया है। धान बेचने वाले और मुआवजा पाने वाले किसानों की सूची का मिलान होने के बाद यदि ये पाया जाता है कि धान बेचने वाले किसानों ने मुआवजा भी लिया है तो सर्वे करने वाले पटवारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर ने यह आदेश इसलिए जारी किए हैं क्योंकि इस वर्ष सूखे के बावजूद धान की आवक पिछले साल की अपेक्षा काफी बढ़ गई है।
17 हजार क्विंटल ज्यादा धान
पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष लगभग 17 हजार क्विंटल धान ज्यादा आया है। पिछले वर्ष जहां एक लाख 20 हजार 519 क्विंटल 60 किलो धान खरीदा गया था वहीं इस वर्ष आखिरी तारीख तक एक लाख 37 हजार 636 क्विंटल 79 किलो धान खरीदा गया है। सूखे के बावजूद धान की बंपर आवक चौंकाने वाली है।
40 करोड़ मुआवजा बांटा
उमरिया जिले में 40 करोड़ रुपए मुआवजे के तौर पर किसानों को बांट दिए गए। ये मुआवजा अनावृष्टि के कारण धान की फसल प्रभावित होने की वजह से बांटा गया है। इतना मुआवजा बंटने के बावजूद अभी भी सैकड़ों की संख्या में किसान आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं और मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
पटवारियों की लापरवाही
प्रशासन से मानकर चल रहा है कि सर्वे में लापरवाही हुई है जिसकी वजह से किसानों को मुआवजा भी मिल गया और धान की आवक भी अच्छी हो गई। प्रशासन से सोचकर चल रहा है कि कहीं अपात्र लोगों को तो मुआवजा नहीं दिया गया और जो वाकई हकदार थे वे कहीं मुआवजे से वंचित तो नहीं रह गए। यही वजह है कि कलेक्टर ने जांच करने और पटवारियों पर कार्रवाई की बात कही है।
इनका कहना है-
हमने सूची मिलान का आदेश दिया है। इससे ये साफ हो जाएगा कि किसानों को जितने रकबे का मुआवजा दिया गया है उसमें फसल कितनी हुई है या नुकसान कितना हुआ है। लापरवाही पायी गई तो पटवारियों पर कार्रवाई होगी।
केजी तिवारी, कलेक्टर