भोपाल। मप्र सरकार ने राजनीतिक परिदृश्य, समय की मांग और चुनावी समीकरणों को देखते हुए अब पूरा जोर सरकारी कर्मचारियों को साधने पर लगा दिया है। कर्मचारियों की लंबित मांगों पर नजर दौड़ाई जा रही है और इन्हें पूरा करने के रास्ते खोजे जा रहे हैं। इस कड़ी में अब प्रदेश के ढाई लाख संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की मांग को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने एजेंडे में शामिल किया है।
सूत्र बताते हैं कि सरकार विभागवार संविदा कर्मचारियों की संख्या और अन्य ब्योरा एकत्र करा रही है। इस आधार पर इन कर्मचारियों को नियमित करने या उन्हें सरकारी कर्मचारी के बराबर वेतनमान देने पर फैसला संभव है। कुछ साल पहले नगरीय प्रशासन समेत भोज विवि और आयुष विभाग ने अपने संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण किया था, लेकिन बाकी विभागों में संविदा कर्मचारियों की संख्या में कमी नहीं आई है। स्वास्थ्य और पंचायत ग्रामीण विकास जैसे महत्वपूर्ण महकमों में संविदा कर्मचारियों की संख्या बहुत ज्यादा है। राज्य में 20 वर्ष से सीध्ाी भर्ती लगभग बंद होने से ये हालत बने हैं।
समान वेतन संभव
माना जा रहा है कि सरकार तत्काल नियमितिकरण नहीं कर सकी तो सरकारी कर्मचारी के बराबर वेतन व सुविधा देने का कदम उठा सकती है। इसकी पैरवी वर्ष 97 में साप्रवि ने की थी। संविदाकर्मियों को नियमित करने का मामला लगभग 20 साल से सुर्ख है। हजारों कर्मचारी 50 साल की उम्र पार कर चुके हैं। संविदा कर्मचारी महासंघ के प्रांताध्यक्ष रमेश राठौर के मुताबिक नियमितीकरण की नियम प्रक्रिया तय होने तक समान वेतन फार्मूला लागू करना जरूरी है।
समान नीति नहीं
संविदा कर्मचारियों को नियमित करने सरकार एक नीति तैयार करा सकती है। इसके आध्ाार पर क्रमश: संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण होगा। जानकारों के मुताबिक तीन वर्ष पहले साप्रवि ने संविदा कर्मियों के लिए नीति का मसौदा तैयार किया था, लेकिन उसे कैबिनेट के समक्ष नहीं रखा जा सका, उसी दौरान विधानसभा चुनाव के चलते मामला ठंडे बस्ते में चला गया। फिर वित्त विभाग ने एक मसौदा तैयार किया, इसमें संविदा कर्मियों को नियमित करने पर वेतनमान का स्लैब बहुत कम था, इसकी भनक लगते ही संविदाकर्मी भड़क गए और सरकार ने मौन साध लिया।
कहां-कितने संविदा कर्मचारी
स्वास्थ्य विभाग- 55000
पंचायत विभाग- 32000
राज्य शिक्षा केंद्र- 2500
वन विभाग- 1800
खेल युवा कल्याण-1100
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चौबे बने सेतु
इस मामले में मुख्यमंत्री के सलाहकार शिव चौबे सेतु बने हैं। उन्होंने सोमवार सुबह संविदाकर्मी नेताओं से मुख्यमंत्री की मुलाकात कराई। मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि वे नियमितिकरण पर गंभीर हैं और बेहतर रास्ता निकालने के प्रयास में हैं। चौबे ने बताया कि वे मामले के शांतिपूर्ण हल की कोशिश में हैं और संविदाकर्मियों की समस्याओं का अध्ययन कर रहे हैं।