304 शिक्षकों का प्रमाण पत्र फरजी

रांची : पारा शिक्षकों के प्रमाण पत्रों के सत्यापन का काम शुरू हो गया है़. जिलों के जिला शिक्षा अधीक्षक द्वारा अब तक लगभग 41 हजार पारा शिक्षकों का प्रमाण पत्र सत्यापन के लिए भेजा गया है़. राज्य में लगभग 78 हजार पारा शिक्षक कार्यरत है़ं इनमें से 37 हजार पारा शिक्षकों का प्रमाण पत्र अभी सत्यापन के लिए भेजा जाना है़.

जिन 41 हजार पारा शिक्षकों का प्रमाण पत्र सत्यापन के लिए भेजा गया था, उनमें से 8271 पारा शिक्षकों के प्रमाण पत्र सत्यापन का कार्य पूरा हो गया है़ संबंधित परीक्षा बोर्ड द्वारा सत्यापन रिपोर्ट जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय को भेज दी गयी है़ 8,271 सत्यापित प्रमाण पत्राें में से 304 पारा शिक्षकों के प्रमाण पत्र जांच में फरजी पाये गये़.

फरजी प्रमाण पत्र के आधार पर कार्यरत 29 पारा शिक्षकों की सेवा अब तक समाप्त कर दी गयी है, जबकि 49 पारा शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है़ ये पारा शिक्षक वर्षों से फरजी प्रमाण पत्र के आधार पर कार्यरत थे़ अब तक हुई जांच में सबसे अधिक गिरिडीह जिले के पारा शिक्षकों का प्रमाण पत्र फरजी पाया गया है़ गिरिडीह में 78 पारा शिक्षकों का प्रमाण पत्र फरजी पाया गया़ सभी जिला शिक्षा अधीक्षक को निर्देश दिया गया है कि वे 31 जनवरी तक पारा शिक्षकों के प्रमाण पत्र के सत्यापन का कार्य पूरा कर ले़ं विभाग ने निर्देश दिया है कि इसके लिए अगर विशेष प्रतिनिधि भेजने की आवश्यकता हो, तो भेजकर इसे हर हाल में 31 जनवरी तक पूरा किया जाये. ऐसा नहीं करने वाले जिला शिक्षा अधीक्षक पर कार्रवाई की जायेगी़ अब तक आठ जिले में एक भी पारा शिक्षक के प्रमाण पत्र का सत्यापन नहीं हुआ है़ .

नियुक्ति प्रक्रिया
पारा शिक्षकों की नियुक्ति के पूर्व स्कूलों में छात्र संख्या का सर्वेक्षण किया जाता था़ इसके आधार पर आवश्यकता के अनुरूप जिला स्तर से विद्यालय के नाम व आवश्यक शिक्षकों की संख्या के अनुरूप विज्ञापन जारी किया जाता था़ निर्धारित तिथि को ग्राम शिक्षा समिति की बैठक होती थी़ बैठक में आवेदन पर विचार के बाद योग्यता को प्राथमिकता देते हुए चयनित नामों की अनुशंसा प्रखंड शिक्षा समिति से की जाती थी़ प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रखंड शिक्षा समिति के अध्यक्ष होते हैं. समिति में अनुशंसित नामों की फिर से जांच होती थी. इसके बाद नियुक्ति की अनुशंसा की जाती थी़ राज्य में वर्ष 2003 से पारा शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हुई थी़ नियुक्ति के 12 वर्ष बाद भी पारा शिक्षकों के प्रमाण पत्र का सत्यापन नहीं हुआ़ वर्ष 2011 से पारा शिक्षकों की नियुक्ति बंद है़

आठ हजार बने स्थायी शिक्षक
प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति में पारा शिक्षकों के लिए 50 प्रतिशत पद आरक्षित किया गया है़ प्राथमिक व मध्य विद्यालय में लगभग 16 हजार शिक्षकों की नियुक्ति हुई है, जिनमें से आठ हजार पदों पर पारा शिक्षकों की नियुक्तहुए है़ं बिना प्रमाण पत्र सत्यापन के ही पारा शिक्षकों को आरक्षण का लाभ दे दिया गया़ जानकार लोगों का कहना है कि जो पारा शिक्षक स्थायी शिक्षक बन गये हैं, उनमें से भी कुछ शिक्षकाें का प्रमाण पत्र फरजी होगा़

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