जयपुर। राजस्थान में उदयपुर के ऑटो रिक्शा चालक ने अपने पिता की डेढ़ बीघा जमीन के अधिग्रहण के बारे में जानकारी मांगी तो राजस्थान औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम (रीको) ने प्रार्थी को नौ हजार पेज के दस्तावेज भेज दिए।
इनका वजन करीब 39 किलो है। इस ऑटो रिक्शा चालक का नाम शांतिलाल है और यह गरीबी रेखा से नीचे की श्रेणी में आता है। पांचवी कक्षा तक पढ़ा हुआ है। रीको ने बीस वर्ष पहले इसके पिता की डेढ़ बीघा कृषि भूमि अधिग्रहित कर ली।
शांतिलाल को इस मामले में कुछ गड़बड़ लग रही है, क्योंकि किसी और किसान की जमीन अधिग्रहित नहीं की गई थी। इसी की जानकारी के लिए उसने रीको में तीन आरटीआई आवेदन लगाए। शांतिलाल के अनुसार पहले तो अधिकारियों ने उसे आरटीआई में चाही गई सूचना के दस्तावेजों की फोटोकॉपी के लिए करीब साढ़े सत्रह हजार रुपए जमा कराने का नोटिस दे दिया। उसने रीको के उच्चाधिकारी से अपील की, क्योंकि वह बीपीएल श्रेणी का था और आरटीआई कानून के तहत उसे निशुल्क सूचना देने का प्रावधान है।
उसकी अपील स्वीकार कर ली गई और उसे निशुल्क सूचना देने के आदेश दे दिए गए, लेकिन सूचना के लिए रीको ने उसके पते पर नौ हजार दस्तावेज भेज दिए। डाक विभाग ने इसे डिलीवर करने से मना कर दिया। शांतिलाल खुद जाकर ये दस्तोवज लेकर आया। अब इन दस्तोवज के बारे में वह आरटीआई कार्यकर्ताओं से संपर्क कर रहा है।