असमर्थ का अस्पताल खर्च उठाएं कारपोरेट

मुंबई। बांबे हाई कोर्ट ने कंपनियों को सामाजिक जवाबदेही में हिस्सेदार बनने की सलाह दी है। जस्टिस वीएम कनाडे और रेवती मोहित डेरे की खंडपीठ ने गुरुवार को कारपोरेट सामाजिक जवाबदेही की उपेक्षा करने वाली कंपनियों से गरीब और भुगतान करने में असमर्थ लोगों का अस्पताल खर्च चुकाने के लिए अपने मुनाफे का दो फीसदी देने का सुझाव दिया।

क्या है मामला

संजय प्रजापति नाम के एक व्यक्ति ने अपनी याचिका में अदालत से पुलिस को शहर के सेवनहिल्स अस्पताल के डॉक्टरों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश देने की मांग की है। एक विवादित बिल के एवज में अस्पताल ने याची के भाई को गलत तरीके से बंधक बना रखा है।

याची ने कहा है कि 29 मार्च 2019 को गिर जाने से उसके भाई चिंकू के सिर में गंभीर चोटें आई और उसे सेवनहिल्स अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल में उसका आपरेशन किया गया। प्रजापति ने बाद में अस्पताल के सीईओ को अनुपयुक्त इलाज और झूठे बिल के बारे में पत्र लिखा लेकिन उसे कोई जवाब नहीं दिया गया।

जब भाई की दशा में कोई सुधार नहीं हुआ तो उसने दूसरी जगह भर्ती कराने का फैसला लिया। लेकिन अस्पताल ने बिल का भुगतान होने तक मरीज को डिस्चार्ज करने से मना कर दिया।

प्रजापति के अनुसार अस्पताल के कुल बिल 4.56 लाख रुपये में से वह 2.76 लाख रुपये जमा करा चुका है। अस्पताल के अनुसार उसका शेष 1.80 रुपये भी भुगतान योग्य है।

 

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