नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने देश में बच्चों के साथ बढ़ रहे बलात्कार की घटना पर चिंता जताते हुए संसद से दोषी व्यक्तियों को कठोरतम सजा देने के बारे में विचार करने को कहा है. इसके साथ ही शीर्ष न्यायालय ने कहा है कि संसद बलात्कार के संदर्भ में ‘बच्चा’ शब्द को परिभाषित करने के बारे में भी विचार करे. कोर्ट ने कहा कि 10 साल की उम्र से कम बच्चों के साथ इस प्राकार का कृत्य क्रूर विकृति को प्रदर्शित करता है.
यह पहली बार है जब शीर्ष न्यायालय ने 10 साल से कम उम्र के बच्चों के बीच नाबालिग और बच्चे के बीच का अंतर बताया है. दीपक मिश्रा की बेंच ने यह फैसला सुनाया है. उन्होंने कहा है कि संसद को बच्चा शब्द को दुष्कर्म के संदर्भ में अलग से परिभाषित करना चाहिए.