वैभव श्रीधर, भोपाल। प्रदेश के तीन लाख से ज्यादा पंचों का राज्य सरकार बैठक भत्ता बढ़ाने जा रही है। ये सालाना 1200 रुपए होगा। अभी इन्हें अधिकतम छह बैठकों के लिए 600 रुपए मिलते हैं। इसका प्रस्ताव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने वित्त विभाग को भेज दिया है। साथ ही जिला और जनपद पंचायत के अध्यक्षों को मासिक डीजल की सीमा 300 लीटर करने पर भी सहमति बनी है।
अभी जिला पंचायत अध्यक्ष को 212 और जनपद अध्यक्ष को 180 लीटर डीजल मिलता है। जिला उपाध्यक्षों को 15 दिन किराए पर गाड़ी लेने की पात्रता है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को भोपाल लौटते ही पंचायत प्रतिनिधियों की मांगों पर आला अधिकारियों से चर्चा की ।
क्यों हुई सरकार सक्रिय
रतलाम-झाबुआ लोकसभा उपचुनाव, नगरीय निकाय व पंचायत चुनाव में पंचायत प्रतिनिध्ाियों ने खुलकर कांग्रेस का साथ दिया। इससे बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ा है। सूत्रों के मुताबिक सरकार को मिले फीडबैक में पंचायत प्रतिनिधियों के विरोध में होने की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में माहौल खराब होने की बात सामने आई है। इसे देखते हुए सरकार ने स्थितियों को नियंत्रण में करने की कवायद तेज कर दी है।
मुख्यमंत्री ने रविवार को भोपाल लौटते ही पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से पंचायत प्रतिनिधियों की मांगों पर अब तक उठाए गए कदमों का ब्योरा तलब किया था। इसके अलावा अपर मुख्य सचिव ग्रामीण विकास अरुण शर्मा से भी लंबी चर्चा की। बताया जा रहा है कि सरकार अब इस विवाद को हर हाल में सुलझाना चाहती है। दरअसल, पंचायत प्रतिनिधियों ने मैहर उपचुनाव में भी बीजेपी के खिलाफ काम करने की घोषणा कर दी है। सोमवार को भोपाल के ठेंगडी भवन में पंचायतराज संगठन की कोर कमेटी की बैठक में इस पर अंतिम रणनीति बनाई जानी है।
लालबत्ती देने के आदेश भी होंगे- सूत्रों के मुताबिक जिला पंचायत अध्यक्षों को लाल और उपाध्यक्षों को पीली बत्ती वाहन में लगाने की पात्रता देने का सैद्धांतिक निर्णय कर लिया गया है। परिवहन विभाग जल्द ही इसकी अधिसूचना जारी करेगा।
कम्प्यूटर के साथ ऑपरेटर भी- जिला पंचायत अध्यक्षों को कम्प्यूटर के साथ ऑपरेटर देने का प्रावधान भी किया जा रहा है। पंचायतों को मूलभत की राशि पांच हजार से बढ़ाकर 25 हजार रुपए करने पर सहमति भी बन गई है। महापौर के समकक्ष जिला पंचायत अध्यक्षों को प्रोटोकॉल और गनमैन देने का प्रस्ताव सामान्य प्रशासन व गृह विभाग को भेजा गया है।
जिला व जनपद की विभिन्न् समितियों की बैठक बुलाने का कार्यक्रम, जिला को दो और जनपद पंचायत को एक करोड़ रुपए सालाना विकास कार्य के लिए देने के आदेश जारी कर दिए हैं। हालांकि, सरपंचों को चैक पावर लौटाने, उपसमितियों को समाप्त करने, फाइल अवलोकन के लिए भेजने जैसे मुद्दों पर सहमति नहीं बनी है।
पंचायत प्रतिनिधियों की मांगों से जुड़े कई आदेश जारी हो चुके हैं। अन्य मामले भी विचार के लिए संबंधित विभागों को भेज दिए गए हैं। अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद होंगे। -गोपाल भार्गव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री