जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले के चंद्रकोट तहसील बन रहे नाशरी-चिनैनी टनल के कर्मियों के बैरक में आग लगने से 11 लोग जिंदा जल गए। चार की हालत गंभीर बताई जाती है। बुरी तरह से जल चुके शवों में से कुछ की पहचान की खातिर उनका डीएनए करवाने का फैसला लिया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार बृहस्पतिवार देर रात लेबर कैंप में अचानक भीषण आग लग गई। बैरक में रह रहे कर्मियों को भागने का अवसर तक नहीं मिला। चार कर्मी किसी तरह वहां से निकलने में कामयाब हुए। उन्हें गंभीर हालत रामबन जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। प्रारंभिक जांच में आग लगने का कारण अभी पता नहीं चल पाया है, लेकिन आशंका है कि आग शार्ट सर्किट से लगी है।
फिलहाल मरने वाले पांच लोगों की पहचान हो पाई है। इनमें पंजाब का रोहित जेसीबी ऑपरेटर, चंडीगढ़ का शौकत जेसीबी हेल्पर, डोडा का इरफान, धर्मशाला का देश राज पंप ऑपरेटर, हिमाचल का राकेश कैट ऑपरेटर शामिल हैं। पुलिस के मुताबिक हादसे में मरने वालों की संख्या अधिक हो सकती है। सूचना मिलने के बाद पुलिस के उच्च अधिकारी मौके पर पहुंच गए। कुछ लोग मरने वालों की संख्या 13 बता रहे हैं। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। घटना के दौरान कैंप से भागकर निकले सिक्योरिटी गार्ड राजेंद्र कुमार, तिलक सिंह, त्रिलोक सिंह, उत्तम सिंह, सुभाष सिंह, बंसी लाल ने बताया कि रात को अचानक अलार्म बजने पर उनकी नींद खुली। चारो ओर धुंआ ही धुंआ भरा था। वह किसी तरह भागकर निकले। बताया जाता है कि बैरक की क्षमता 240 लोगों की है। लेकिन छुट्टी का दिन होने के कारण आसपास के क्षेत्रों के कर्मी अपने घर गए हुए थे।