खतरा : उत्तरी ध्रुव पर पिघल रही है बर्फ

शून्य से 1.9 डिग्री नीचे तापमान। आम जन-जीवन या हमारे आसपास के किसी भी इलाके के लिए इस तापमान को बेहद ठंडा कहा जाएगा। सब कुछ जमता हुआ-सा लगेगा। लेकिन बात उत्तरी ध्रुव की हो तो? वहां के लिए निश्चित ही इस तापमान को खतरे की घंटी माना जाएगा। चिंताजनक बात यह है कि यह घंटी बज चुकी है। दुनिया की सबसे ठंडी जगहों में शुमार उत्तरी ध्रुव में बढ़ती गर्मी का असर इतना बढ़ गया है कि बीते बुधवार यहां का तापमान गलनांक (मेल्टिंग पॉइंट) के करीब पहुंच गया। दिसंबर-जनवरी के इन दिनों उत्तरी ध्रुव पर ठंड चरम पर होती है। पारा -35 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है। लेकिन बुधवार को यहां तापमान महज -1.9 डिग्री सेल्सियस रहा। यह सामान्य से करीब 15 डिग्री ज्यादा है। हालात का अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि अमेरिका और यूराेप के कुछ शहरों में इससे ज्यादा ठंड थी। परिवर्तन को मामूली नहीं माना जा रहा। गरमाती धरती का यह असर जारी रहा तो इस ध्रुव के आसपास के देशों को ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया काे परिणाम झेलने पड़ सकते हैं।

 

अल नीनो भी बढ़ाएगा गर्मी: कहीं सूखा होगी, कहीं बाढ़
नासा ने चेतावनी दी है कि अल नीनो के प्रभाव से मौसम संबंधी हालात 1998 से भी ज्यादा खराब हो सकते हैं। अल नीनो ऐसी प्राकृतिक घटना है जिसमें प्रशांत महासागर का गर्म पानी उत्तर और दक्षिण अमेरिका की ओर फैलता है और फिर इससे पूरी दुनिया में तापमान बढ़ता है। यह स्थिति हर 2 से 7 साल के अंतराल पर बनती है। इसके कारण मौसम का सामान्य चक्र बिगड़ जाता है और बाढ़ और सूखे जैसे हालात पैदा होते हैं। इसका सबसे बुरा प्रभाव 1998 में देखा गया था और कई देशों में भीषण बाढ़ आई थी।

 

 

मौसम कंट्रोल करते हैं उत्तरी अौर दक्षिणी ध्रुव
उत्तरी ध्रुव (आर्कटिक) पृथ्वी के सबसे सुदूर उत्तरी बिंदु है। इस पर पृथ्वी की धुरी घूमती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव दुनियाभर के मौसम काे स्थिर रखने में बड़ी भूमिका निभाते हैं। यहां सैकड़ों मील तक फैली बर्फ की चादर दुनियाभर की जलवायु के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। ग्लोबल वार्मिंग का प्रभाव दोनों ध्रुव झेल रहे हैं।

 

 

अमेरिका में नदियां उफान पर, लाखों लोग खतरे में
शिकागो (रायटर) : अमेरिका के मध्य पश्चिमी इलाकों में भारी बारिश के चलते नदियां उफान पर हैं। कई इलाकों में बाढ़ के चलते अब तक 28 लोगों की मौत हो चुकी है। लाखों लोगों पर खतरा मंडराया हुआ है। राष्ट्रीय मौसम सेवा केन्द्र के अनुसार मिसीसिपी नदी समेत सभी बड़ी नदियों का जलस्तर बढ़ने की आशंका है। बाढ़ के कारण कई सड़क बंद हो गये हैं।

 

लुसियाना में आपातकाल घोषित लुसियाना राज्य के गर्वनर बॉबी जिंदल ने राज्य में बाढ़ का पानी घुसने के बाद आपातकाल घोषित कर दिया है। वहीं कैरोलिना और जार्जिया राज्य में बाढ़ की चेतावनी जारी की गई है। मिसीसिपी नदी में इससे पहले 1993, 1995 और 2011 में गर्मियों में जबरदस्त बाढ़ आयी थी।

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