उप्र में हर घंटे निमोनिया से मर रहे 11 बच्चे

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में हर घंटे निमोनिया से 11 बच्चे मर रहे हैं। इन स्थितियों से निपटने के लिए स्वास्थ्य महकमे ने आशा के स्तर तक अलर्ट करने के साथ अस्पतालों में विशेष चौकसी के निर्देश दिये हैं। इसके अलावा पेंटावैलेंट टीकाकरण के साथ निमोनिया से निपटने के लिए राज्य भर में विशेष अभियान शुरू किया गया है।

प्रदेश में तापमान गिरने व सर्दी बढ़ने के साथ ही निमोनिया का खतरा बढ़ रहा है। प्रदेश में वैसे ही निमोनिया खासा खतरनाक स्थिति में है। यहां हर वर्ष पैदा होने वाले 50 लाख बच्चों में से पांच लाख की मृत्यु उनके पांच साल का होने से पहले हो जाती है। इनमें भी 17 प्रतिशत की मौत निमोनिया के कारण होती है।

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में हर साल कुल मिलाकर 53 लाख बच्चों को निमोनिया होता है, जिनमें से सही देखभाल के अभाव में लगभग छह लाख बच्चे गंभीर स्थिति में पहुंच जाते हैं। इनमें भी 89,196 की सांसें निमोनिया के कारण थम जाती है। इस तरह हर दिन 248 और हर घंटे 11 बच्चे निमोनिया से मर जाते हैं।

जाड़ा बढ़ने के साथ ही निमोनिया के मामले तेजी से बढ़ते हैं, इसलिए स्वास्थ्य विभाग ने अपने पूरे महकमे को अलर्ट कर दिया है। इसके लिए राज्य स्तर पर निमोनिया व डायरिया की रोकथाम के लिए संयुक्त कार्यक्रम शुरू किया गया है। इसके अंतर्गत जिला अस्पतालों व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को अतिरिक्त सतर्कता के निर्देश दिये गए हैं।

 

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