इसका उल्लंखन करने वालों के लिए खिलाफ पर्यावरण संरक्षण कानून एवं वायु प्रदूषण कानून के तहत कार्रवाई करें। वन एवं पर्यावरण मंत्री ने संवाददाताओं को कहा कि राज्यों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके तहत धुंआ छोड़ने वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई, ओवरलोडेड वाहनों के खिलाफ कार्रवाई, सफाई कार्य में मशीनों का इस्तेमाल करने ताकि धूल नहीं उड़े, मिट्टी उठाने में पानी का इस्तेमाल करने, ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर कार्रवाई करने, अवैध रूप से चल रहे ईट-भट्टों को बंद कराने, निर्माण कार्य को ढंक कर करने, निर्माण सामग्री को बंद करके ले जाने, कूड़ा आदि जलाने पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं।
जावड़ेकर ने कहा कि दिल्ली और आसपास के राज्यों के लिए इन नियमों का पालन तत्काल प्रभाव से अनिवार्य कर दिया है। मंत्रालय ने बुधवार को इस बारे में अधिसूचना जारी कर दी है। उन्होंने कहा कि नियम पहले से बने हैं लेकिन अभी तक इनका क्रियान्वयन सुनिश्चित नहीं किया गया था।
दिल्ली में एक जनवरी से लागू होने जा रह सम-विषम नंबर फार्मूले पर जावड़ेकर ने कहा कि राज्य सरकार ने 15 दिनों के लिए यह परीक्षण शुरू किया है तथा इसके नतीजों को देखा जाना चाहिए कि उसके परिणाम क्या निकलते हैं।