जयपुर। देश के उत्तर-पश्चिमी हिस्से की कुछ रेलगाडियां अब पवन ऊर्जा से चलेंगी। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने बुधवार को जैसलमेर में रेलवे के पहले 26 मेगावॉट के पवन उर्जा संयंत्र का उद्घाटन किया। उन्होंने दिल्ली में रिमोट से ही इस संयंत्र का उद्घाटन किया।
रेलवे ने गैर परम्परागत उर्जा स्रोतों के इस्तेमाल को बढावा देने के लिए राजस्थान में जैसलमेर के कोडियासर गांव में 160 करोड रूपए की लागत से पवन ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया है। यह रेलवे का पहला पवन उर्जा संयंत्र है जो 25 मेगावॉट बिजली पैदा करेगा। इस प्लांट से मिलने वाली बिजली से भरतपुर कोटा खण्ड और दिल्ली-मुम्बई ट्रंक रूट की गाडियां चलाई जाएंगी।
रेलवे में अभी ईंधन और बिजली पर करीब 30 हजार करोड रूपए सालाना खर्च किए जाते हैं। यह काफी बडा खर्च है और इसे कम करने के लिए ही रेलवे अब सौर तथा पवन उर्जा जैसे गैर परम्परागत ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करने जा रही है। इसके लिए रेलवे और आरआईटीईएस लिमिटेड ने रेलवे एनर्जी मैनेजमेंट कम्पनी बनाई है। इस कम्पनी के जरिए अगले पांच वर्ष में एक हजार मेगावाॅट के सौर उर्जा संयंत्र और कई पवन उर्जा संयंत्र स्थापित किए जाने की योजना है।