इस काम में 60 आयकर अधिकारियों की करीब 20 टीमें लगीं। दालों के कारोबार में टैक्स चोरी और संबंधित गतिविधियों की जांच के सिलसिले में यह मुहिम चलाई गई। अधिकारियों ने कुछ दस्तावेज और कंप्यूटर हार्डवेयर जब्त किए हैं। छापेमारी की शुरुआत सुबह से हुई। दिल्ली में कर अधिकारियों ने पुराने क्षेत्रों में कुछ कारोबारियों के व्यावसायिक परिसरों में छानबीन की। मुंबई में एक कमोडिटी एक्सचेंज में तलाशी ली गई। जिंस कारोबार में लगे कुछ बिचौलियों के यहां भी छापे मारे गए।
अधिकारियों ने बताया कि बीते कुछ महीनों में कारोबार में जमाखोरी और वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ी जानकारियां मिल रही थीं। इस दौरान दालों के दामों में भारी उछाल आया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड से मंजूरी मिलने के बाद छापे मारे गए।
सरकार ने हाल ही में कहा था कि उसने जमाखोरों के पास से 93,500 टन दाल जब्त की है। इसे खुदरा बाजार में उतार दिया गया है। दालों की कीमतों पर अंकुश लगाने के मकसद से सरकार ने यह कदम उठाया। अक्टूबर में दालों की कीमतें 200 रुपये किलो के स्तर पर पहुंच गई थीं। जमाखोरी के खिलाफ सरकार के तमाम उपायों के बाद इनके दामों में मामूली कमी आई है।