विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री कौशिक बसु ने शनिवार को संकेत दिया कि विश्वबैंक भारत के लिए अपने वृद्धि दर अनुमान में संशोधन कर सकता है जबकि वह अगले महीनों में स्थिति की समीक्षा करेगा। कौशिक के अनुसार जीएसटी विधेयक को संसद में पारित करवाने में केंद्र की विफलता का असर वृद्धि दर अनुमान पर पड़ेगा, उन्होंने कहा कि जनवरी की समीक्षा में भारत के लिए वृद्धि दर अनुमान में कुछ बदलाव हो सकता है।
उन्होंने कहा कि निर्णय प्रक्रिया तथा सुधारों का वृद्धि दर के लिहाज से असर हो सकता है। इस तथ्य का भी असर हो सकता है कि कुछ महत्वपूर्ण फैसले क्रियान्वित नहीं किए जा सके। बावजूद इसके कई बातों से भारत बहुत प्रभावशाली दिख रहा है। इसी संदर्भ में बासु ने कहा कि ब्राजील व रूस में मंदी तथा चीन में नरमी के बीच भारत इस साल पहली बार वृद्धि परिदृश्य के लिहाज से विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्था बनने की संभावना रखता है। उल्लेखनीय है कि अक्तूबर में विश्वबैंक ने 2015-16 में भारत की वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। उसके अनुसार 2016-17 में यह 7.8 प्रतिशत तथा 2017-18 में 7.9 प्रतिशत रहेगी।
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