वर्ष 2016 को भी किसान वर्ष के रूप में मनाएगी यूपी सरकार

वर्ष 2016 को भी यूपी सरकार किसान वर्ष के रूप में मनाएगी। इस बारे में जल्द फैसला किया जाएगा। यह ऐलान मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बुधवार को अपने सरकारी आवास पांच कालिदास मार्ग पर आयोजित चौधरी चरण सिंह के 113वें जयंती समारोह में किया।

इस मौके पर उन्होंने ज्यादा उपज वाले 30 किसानों को सम्मानित किया और आधुनिक कृषि तकनीक के ज्यादा प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से 24 कृषि प्रचार वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएम आवास पर पहली बार इतनी बड़ी संख्या में किसान दिवस पर किसान जुटे हैं। उनकी कोशिश होगी कि किसान खुशहाल हों, क्योंकि जब तक किसान खुशहाल नहीं होगा, देश और प्रदेश उसकी खुशहाली के बिना तरक्की नहीं कर सकता है। सरकार तो तमाम योजनाएं चला रही है सही मायने में कितना लाभ मिल रहा है, ये किसान जानते होंगे। मंत्री, हमारे अधिकारी और पार्टी के नेता इस प्रयास में हैं कि ज्यादा से ज्यादा किसानों को लाभ मिले। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने खाद का पहले से इंतजाम किया, इसलिए किसानों को लाइन नहीं लगानी पड़ी। जहां कहीं से इसकी शिकायत आई कार्रवाई की गई।

 

मुनाफे का सही बंटवारा हो 
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि देश-दुनिया में इस समय बहस चल रही है कि पर्यावरण बदल रहा है। धरती गरम हो रही है। यदि क्लाइमेट चेंज (जलवायु परिवर्तन) हुआ तो उसका सबसे ज्यादा प्रभाव किसानों पर पड़ेगा। इसके लिए किसानों को जागरूक रहना होगा। अर्थशास्त्री कहते हैं कि समय पर बारिश नहीं आई तो जीडीपी नहीं बढ़ सकती। उन्होंने कहा कि आज के दिन हम सबको बुराइयों को दूर करने का भी संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि चौधरी चरण सिंह बड़े और लोकप्रिय नेता थे। आजादी के बाद वे पहले ऐसे किसान नेता थे जिनको सबने किसान नेता माना। वे यूपी के सीएम के बाद देश के पीएम भी रहे। किसानों की भलाई के लिए हमेशा काम करते रहे। उन्होंने कहा कि हम इस साल किसान वर्ष के रूप में मना रहे हैं। लेकिन यह साल 2015 तक ही सीमित न रहे और वर्ष 2016 को भी किसान वर्ष के रूप में मनाया जाए, इसके लिए जल्द फैसला किया जाएगा।

 

अखिलेश यादव ने कहा कि वे गेहूं के दाम किसानों को दिलवाने में कामयाब रहे, लेकिन धान की सही कीमत नहीं दिलवा सके। इसका भी रास्ता निकाला जाएगा। उन्होंने कहा कि जिस दिन बिचौलियों को बीच से हटाने का काम कर लेंगे, धान के किसानों को भी सही कीमत मिलने लगेगी। उन्होंने कहा कि असली झगड़ा मुनाफे का है। इस पर सरकार को नियंत्रण करना होगा। चौधरी साहब और नेताजी ने इस काम को आगे बढ़ाया। हम भी चाहते हैं कि मुनाफे का सही बंटवारा हो जिससे किसान खुशहाल हो सके।

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