ग्वालियर। प्रदेश के शिक्षा माफिया ने तेलंगाना में भी फर्जीवाड़ा किया है। इन लोगों ने वहां स्टडी सेंटर खोलकर एक-एक लाख रुपए में जीवाजी यूनिवर्सिटी (JU) की डिग्रियां दिलाने का काम शुरू कर दिया। फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ जब तेलंगाना से CID की टीम सोमवार शाम JU पहुंची। तेलंगाना से आई टीम ने जानकारी दी वहां 4 स्टडी सेंटर खोले गए हैं, जो JU के नाम पर BPEd में एडमीशन दे रहे हैं। हालांकि कुलपति प्रो.संगीता शुक्ला ने तेलंगाना टीम को जानकारी दी कि उन्होंने किसी को इस तरह के स्टडी सेंटर खोलने का सर्टिफिकेट नहीं दिया है।
तेलंगाना CID में आदिलाबाद के DSP पी.रविकुमार ने अपनी टीम के जरिए JU कुलपति प्रो.संगीता शुक्ला को पत्र भेजा है। पी.रविकुमार के पत्र में जानकारी दी गई है कि तेलंगाना के आदिलाबाद, करीम नगर, वारंगल और निजामाबाद में विजडम स्टडी सर्कल, एमके एजुकेशन एकेडमी और रत्ना एजुकेशन एकेडमी ने JU के स्टडी सेंटर खोल लिए हैं। पी.रविकुमार के पत्र में उल्लेख है कि चारों सेन्टर्स ने 3 साल पहले एक-एक लाख रुपए लेकर बीपीएड में छात्रों को एडमिशन दिए थे। पत्र में संदेह जताया गया है कि उन्होंने कुछ छात्रों को डिग्री भी थमा दी है।
प्रदेश के बाहर नहीं खोले जा सकते स्टडी सेंटर
UGC के नियमों के मुताबिक प्रदेश के बाहर कोई भी यूनिवर्सिटी इस तरह के सेंटर नहीं खोल सकती। तोलंगाना टीम की जानकारी से खुद कुलपति प्रो.शुक्ला अचंभित रह गईं। उन्होंने फिजिकल एजुकेशन के HOD डॉ.केशव सिंह गुर्जर और दूसरे संबंधित अधिकारियों को बुलवाया। JU अधिकारियों के सामने तेलंगाना की CID टीम ने खुलासा किया कि शहर के इनकम टैक्स ऑफिस के आसपास कहीं रहने वाले किसी प्रीतम सिंह नामके व्यक्ति ने ये चारों स्टडी सेंटर खोले थे, जो छात्रों को एडमिशन दे रहे थे।
JU प्रशासन ने संबद्ध 400 कॉलेजों की सूची तेलंगाना टीम के सौंप दी। इसके साथ ही ये जानकारी भी दी कि कुछ कॉलोजों ने वारंगल के छात्रों को प्रवेश जरूर दिया था, लेकिन स्थानीय कैंपसेज में ही, स्टडी सेंटर खोलने की किसी को अनुमति नहीं है। CID तेलंगाना की टीम ने मामले में और ज्यादा खुलासा करने से मना कर दिया। टीम के मुताबिक अभी जांच की जा रही है, किसी बड़े गिरोह के पर्दाफाश होने की उम्मीद है।
JU की फर्जी डिग्री से सऊदी अरब में नौकरी
बीते साल अगस्त में भी JU की फर्जी डिग्रियां पकड़ी गई थीं। इसमें JU के इंजीनियरिंग संस्थान की फर्जी डिग्री से एक युवक ने सऊदी अरब में नौकरी पा ली थी। जबकि बीते साल फरवरी में JU का एक कर्मचारी फर्जी डिग्री बनाते पकड़ा गया था। पूछताछ में उसने इस तरह की 36 डिग्रियां बनाने की बात स्वीकार की थी। गौरतलब है कि JU प्रशासन ने इस संबंध में कोई मामला दर्ज नहीं कराया था।