नवंबर में महंगाई बढ़ने का मुख्य कारण खाद्य उत्पादों की बढ़ती कीमतें हैं। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक खुदरा वर्ग में उपभोक्ता खाद्य महंगाई की दर 6.07 फीसद पर पहुंच गई है। दालों और अन्य संबंधित उत्पादों के वर्ग में खुदरा महंगाई दर 46 फीसद की रफ्तार से बढ़ी है। इसी महीने सब्जियों की कीमतें बढ़ने की रफ्तार दोगुनी होकर चार फीसद पर पहुंच गई है।
जानकारों का मानना है कि खुदरा महंगाई की दर अब भारतीय रिजर्व बैंक की तय ऊपरी सीमा के नजदीक पहुंच गई है। केंद्रीय बैंक ने जनवरी, 2016 के लिए महंगाई का लक्ष्य 5.8 फीसद रखा है। इससे आरबीआइ को ब्याज दरों में नरमी लाने के फैसले पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है। खुदरा महंगाई दर के ज्यादातर वर्गों में नवंबर में बढ़ोतरी देखने को मिली है। इंडिया रेटिंग रिसर्च के मुख्य अर्थशास्त्री डीके पंत का मानना है कि दालों की बढ़ती कीमतें महंगाई को काबू में रखने के अभियान में बाधा बन सकती हैं। कीमतों के इस रुख को देखते हुए चालू वित्त वर्ष के दौरान ब्याज दरों में और नरमी की गुंजाइश अब खत्म होती नजर आ रही है।
थोक मूल्यों पर आधारित महंगाई की दर में वृद्धि हो रही है, लेकिन लगातार तेरहवें महीने यह शून्य से नीचे बनी हुई है। अक्टूबर में यह शून्य से 3.81 फीसद नीचे थी। दाल, फल और सब्जियों की कीमत ने इसे बढ़ाकर शून्य से 1.99 फीसद नीचे पर ला दिया है। नवंबर में खाद्य उत्पादों की थोक महंगाई 5.20 फीसद बढ़ी है। दालें 58.17 और प्याज 52.69 फीसद महंगी हुई हैं।