बुंदेलखंड में सूखा नहीं अकाल : नसीमुद्दीन

बांदा। विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष व बसपा राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि बुंदेलखंड में सूखा नहीं अकाल पड़ा है।

यहां का किसान घास की रोटी खाने को मजबूर है और केंद्र व प्रदेश सरकार हाथ पर हाथ पर रखे बैठी है। सरकार की इस उदासीनता की बसपा निंदा करती है। अगले माह सत्र शुरू होने पर सदन में किसानों के मुद्दे उठाए जाएंगे।

अलीगंज स्थित अपने आवास में सोमवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए नेता प्रतिपक्ष श्री सिद्दीकी ने कहा कि रबी की फसल में अतिवृष्टि, ओला और खरीफ में सूखा से किसान तो तबाह हुए ही इसका असर आम आदमी और व्यापारियों पर भी पड़ रहा है।

किसानों की बदहाली से व्यापार भी सुस्त हो गया। प्रदेश में सपा और केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार आने के बाद स्थिति बद्तर हो गई। पूरे प्रदेश में बुंदेलखंड की हालत बेहद गंभीर है।

यहां पड़े सूखा को आकाल कहा जाए तो बेहतर होगा। किसान घास की रोटियां खाने को मजबूर है। केंद्र और प्रदेश सरकार बुंदेलखंड की उपेक्षा कर रही है। किसानों की बदहाली दूर करने की कोशिश नहीं हो रही।

प्रदेश के मुख्य सचिव से जब बात की गई तो उनका जवाब था- सर्वे हो रहा है। उन्होंने हैरत जताई कि किसान मर रहे हैं और मुख्य सचिव कह रहे हैं सर्वे हो रहा है। कहा कि अगले माह शुरू हो रहे विधान मंडल के दोनों सदनों में किसानों के मुद्दे उठाएंगे।

इसके अलावा किसानों को बांटी जा रही राहत राशि पर उन्होंने हैरत जताई। कहा कि उनके बड़े भाई रफीकुद्दीन सिद्दीकी की नरैनी में 11 एकड़ सिंचित जमीन है।

उन्हें सिर्फ 1500 रुपये का चेक दिया गया। चेक दिखाते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि छह जुलाई का चेक है और दिया आज (सोमवार) गया। यह हाल है सरकारी अमले का तो किसानों का भला कैसे होगा?

नेता प्रतिपक्ष ने सांप्रदायिक दंगों पर सपा और भाजपा को आड़े हाथों लिया। कहा कि दंगे होते नहीं हैं कराए जाते हैं। केंद्र में भाजपा और प्रदेश में सपा की सरकार है। आरोप लगाया कि दोनों पार्टियां दंगे करा रही हैं।

प्रदेश में 350 छोटे-बड़े दंगे हुए। यही भी कहा कि इखलाक मारा गया तो उनके समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता दादरी पहुंचे। लेकिन मुख्यमंत्री या उनका कोई नुमाइंदा इखलाक के घर नहीं गया।

लखनऊ में बुलाकर ही मदद दे दी। प्रदेश में जंगल राज चल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार बने 19 माह हो गए। पर, किसानों, गरीबों, मजदूरों और व्यापारियों के अच्छे दिन नहीं आए। दोनों सरकारों के प्रति जनता को अविश्वास हो गया। उन्होंने कांग्रेस को भी आड़े हाथों लिया। अंत में सिद्दीकी ने कहा कि उन्हें गर्व है कि वह भारतवासी हैं।

वर्ष 2017 विधान सभा चुनाव बसपा अकेले लड़ेगी। उनकी पार्टी न महागठबंधन में शामिल होगी और न ही किसी अन्य पार्टी से गठबंधन करेगी। यह दावा बसपा राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने किया।

उन्होंने कहा कि मुख्य मुकाबले से सपा बाहर है। बसपा जब-जबमजबूत हुई तो भाजपा कमजोर हुई है। बंगाल, असम, पंजाब, केरल व तमिलनाडु में जल्द विधान सभा चुनाव होने वाले हैं।

बिहार की तरह इन प्रदेशों में भी भाजपा औंधे मुंह गिरेगी। श्री सिद्दीकी ने दो टूक कहा कि विपक्ष में रहना पसंद करेंगे, लेकिन भाजपा को किसी दशा में नहीं चाहेंगे।

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