प्रदूषण की जांच के लिए किया उच्चाधिकार समिति का गठन

राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने बृहस्पतिवार को दिल्ली के थर्मल पॉवर प्लांट और कूड़े को उर्जा में तब्दील करने वाले संयंत्रों से होने वाले वायु प्रदूषण की जांच के लिए उच्चाधिकार समिति का गठन किया है।

यह समिति तीन सप्ताह में निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट अधिकरण के समक्ष पेश करेगी। जस्टिस स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने निरीक्षण करने वाली उच्चाधिकार समिति में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के सदस्य सचिव और उर्जा विभाग के सचिव व वरिष्ठ वैज्ञानिकों को शामिल किया है।

यह समिति दिल्ली में स्थित दो थर्मल प्लांट की जांच करने के बाद तीन कूड़े से बिजली बनाने वाले संयंत्रों का निरीक्षण करेगी। पीठ ने कहा कि समिति यह पता लगाए कि इन संयंत्रों से कितना वायु प्रदूषण होता है और उत्सर्जन किस स्तर का होता है।

पीठ ने कहा कि समिति निरीक्षण के दौरान वायु प्रदूषण के नमूने जरूर लें और हर हाल में पांचों संयंत्रों का निरीक्षण कर तीन सप्ताह में रिपोर्ट पेश कर दें। अधिकरण इस मामले में 7 जनवरी को अगली सुनवाई करेगा।

गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने बदरपुर और राजघाट के थर्मल प्लांट को हाल ही में बंद का निर्णय लिया है, क्योंकि इनसे होने वाला प्रदूषण मानकों से बहुत अधिकर है जिसकी पुष्टि एनजीटी के निर्देशों पर हुए निरीक्षण में साफ हो चुकी है। अब इन दोनों प्लाटों का निरीक्षण उच्चाधिकार समिति करेगी।

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