21 अर्थशास्त्रियों के एक सर्वे के मुताबिक पिछले महीने रिटेल में महंगाई दर 5.4 प्रतिशत रही। अक्टूबर में महंगाई दर 5 प्रतिशत थी। इस हिसाब से महंगाई एक बार फिर धीरे-धीरे बढ़ने लगी है। वैसे खुदरा कीमतों के हिसाब से महंगाई दर के आधिकारिक आंकड़े 14 दिसंबर को आएंगे।
बहरहाल, सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कमोडिटी के दाम घटने के कारण वैश्विक स्तर पर कीमतें थोड़ी-बहुत बढ़ने के बजाए घटने लगी हैं। इस वजह से भारत में महंगाई कम हुई और रिजर्व बैंक को नीतिगत ब्याज दरें घटाने का मौका मिला। लेकिन, इसमें आगे और कटौती की गुंजाइश कम है।
रिपोर्ट के मुताबिक अगले साल केवल एक बार (अप्रैल-जून तिमाही में) रपो रेट घटाकर 6.5 प्रतिशत किया जा सकता है। सोसायटी जनरल के अर्थशास्त्री (भारत) कुणाल कुमार कुंडू ने कहा, ‘महंगाई की संभावित दर को देखते हुए फिलहाल हमें इस बात की कोई उम्मीद नहीं नजर आ रही है कि रिजर्व बैंक रेपो रेट घटाएगा।’