सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद याचिकाकर्ता फतेहाबाद की राजबाला, हिसार की कमलेश और झज्जर के प्रीतसिंह ने कहा है कि फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। इस मामले में वकीलों से राय लेकर सुप्रीम कोर्ट की फुल बैंच में अपील करेंगे।
हिसार की कमलेश ने कहा कि प्रदेश सरकार ने तथ्यों के साथ छेड़छाड़ कर गलत आंकडे़ सुप्रीम कोर्ट में पेश किए हैं। हकीकत में 67 प्रतिशत लोग चुनाव से वंचित हो जाएंगे। लोकतंत्र में इस तरह से चुनाव अधिकार छीनना पूरी तरह से गलत है।
सरकार पहले हर किसी को शिक्षित करे। शत प्रतिशत साक्षरता दर होने के बाद इस तरह का नियम लागू करने पर विचार हो। जनता को जनप्रतिनिधि चुनने का हक होना चाहिए। हम सरकार से भी अपील करेंगे इस फैसले पर पुनर्विचार करे। फिर भी देश की सबसे बड़ी अदालत का जैसा भी फैसला है हम इसे स्वीकार करते हैं। हम सबसे बड़ी देश की जनता की अदालत में भी सरकार के इन थौंपे हुए नियमों को लेकर जाएंगे। मानव अधिकार दिवस के मौके पर लोकतांत्रिक अधिकार छीनने का फैसला आया है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं। वकीलों से सलाह-मशविरा किया जाएगा। इसके बाद ही इस दिशा में और कुछ कहा जा सकेगा।
राजबाला, फतेहाबाद
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इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की फुल बैंच में पुनर्विचार याचिका दायर करेंगे। प्रदेश की सरकार ने तथ्यों के साथ छेड़छाड़ कर गलत आंकडे़ पेश किए। फिर भी देश की सबसे बड़ी अदालत का जैसा भी फैसला है हमें स्वीकार है।
कमलेश, हिसार
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सुप्रीम कोर्ट का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। फैसले पर रिव्यू किया जा सकता है। वकीलों से दूसरी बेंच में दोबारा याचिका दायर करने संबंधी राय ली जाएगी। इसके बाद आगे कदम बढ़ाया जाएगा। सरकार की हठधर्मिता को गांव-गांव जनता के बीच लेकर जाएंगे और सरकार का विरोध करेंगे।
प्रीत सिंह, रोहतक