परिजनों का अंदाजा है कि रोजाना की तरह सुबह ब्यारे में पहुंचते ही किसान ने ऐसा कदम उठाया है। जानकारी मुताबिक मृत किसान के पास 6 एक ड की खेती जमीन थी, जिस पर कृषि के लिए उसने सोसायटी के माध्यम से करीब 60 हजार रुपए का कर्ज ले रखा था।
शत्रुहन देवांगन पहले ही दिल की बीमारी से ग्र सित था, जिसके इलाज में भी उसके मोटी रकम खर्च दी थी। ऐसे में केवल 20 फीसदी फसल होने को लेकर वह चिंतित रहता था। हांलाकि जांच में पहुंचे छुरिया तहसीलदार ने अपनी जांच रिपोर्ट में आत्महत्या का कारण बीमारी से तंग आकर उठाया कदम बताया है।
अरूण को भी मिला था नोटिस
इधर अंबागढ चौकी ब्लाक के वर्चाकुटून गांव में रविवार की दोपहर फांसी लगाकर आत्महत्या करने वाले किसान अरूण सलामे पर भी कर्ज की पुष्टि हुई है। मृत किसान की पत्नी कुंतीबाई ने ग्रामीणों को बताया कि सोसायटी में उनके पति सुग्रीव सलामें के नाम पर 38 हजार रुपए का कर्ज खेती के लिए उठाया गया था, जिसका नोटिस ही उन्हें मिला था।
मृतक के पिता के अस्वस्थ्य होने के चलते खेती व परिवार का पूरा जिम्मा लंबे समय से अरूण पर ही था। ऐसे में बर्बाद फसल के बाद सोसायटी व अन्य निजी कर्ज चुकानें को लेकर अरूण सलामें भी अपनी परेशानी लगाकर अपनी पत्नी के सामने रखा करता था।
छुरिया तहसीलदार ने किसान के घर पहुंचकर आत्महत्या के कारणों की जांच की। इसमें कही भी कर्ज की वजह सामने नहीं आयी है। किसान बीमार था, जिसकी वजह से वह परेशान चल रहा था। संजय अग्र वाल, एडीएम