चार जिलों के किसानों ने एक होकर सरकार को ललकारा

राजनांदगांव (ब्यूरो)। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के निर्वाचन मुख्यालय में सोमवार को राजनांदगांव समेत 4 जिलों के किसानों ने मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। बीवी और बच्चों को लेकर आए किसानों ने रैली और सभा के जरिए सरकार को सावधान किया कि धान पर बोनस दें और समर्थन मूल्य 2100 रुपए करें। अन्यथा वे कुर्सी हिला देंगे। रैली में करीब 10 हजार किसानों ने हुंकार भरी।

राजनांदगांव के अलावा बालोद, दुर्ग और धमतरी किसानों ने सोमवार को शहर में सावधान रैली के रूप में प्रभावी प्रदर्शन किया। रैली के लिए एक दिन पहले ही पहुंचकर कृषि उपज मंडी परिसर में रात बीताने वाले किसान दोपहर में जयस्तंभ चौक में आयोजित सभा में शामिल हुए।

फिर शहर में रैली निकाल मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय घेरने निकले। विशाल रैली को पुलिस व प्रशासन की टीम ने कैंप कार्यालय से पहले ही स्टाप पाइंट लगाकर रोक दिया। जहां किसान नेताओं व प्रशासनिक अधिकारियों के बीच चली घंटेभर की बहस के बाद प्रदर्शन कर रहे 671 प्रमुख किसानों को गिरफतार कर लिया गया। किसान कैंप कार्यालय पहुंचकर ही अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपने की जिद पर अड़े हुए थे, जिन्होंने शांतिपूर्ण ढंग से गिरफतारी दी।

संवेदनहीन हो चुकी है सरकार

जयस्तंभ चौक में हुई सभा को संबोधित करते हुए किसान नेता सुदेश टीकम, रियाज खान, संजीत ठाकुर, चंदूदास साहू, मकसूदन दशरिया ने कहा कि चुनाव से पहले खुद को किसानों की हितैषी बताने वाली सरकार अब अपनी जिम्मेदारी से पीछे हट रही है। मौसम की मार से जूझ रहे किसानों के दर्द को लेकर अब प्रदेश सरकार संवेदनहीन हो चुकी है। किसान नेताओं ने आगामी विधानसभा चुनाव के दौरान सरकार की इस वादाखिलाफी का बदला लेने की भी बात कही है। सभा में मौजूद किसान एक स्वर में अपनी मांगों को लेकर आवाज बुलंद करते रहे।

कर्ज माफी रही प्रमुख मांग

प्रदर्शन में जुटे किसानों ने कर्ज माफ करने,समर्थन मूल्य 21 सौ रुपए व 300 रुपए बोनस की मांग, ग्र ग्रामीण क्षेत्रों में राहत कार्य प्रारंभ कराने, किसानों के हित में फैसला लेने, बीमा की राशि का भुगतान करने व आत्महत्या करने वाले किसानों को 20 लाख रुपए मुआवजा देने व परिजनों को नौकरी देने जैसी प्रमुख मांगों को लेकर जिला मुख्यालय में प्रदर्शन किया।

 

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