धमतरी। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के 9 दिन पूरे हो गए, लेकिन डुबान क्षेत्र के 32 गांवों के एक भी किसान ने सोसाइटियों में अपना धान नहीं बेचा है। जिससे खरीदी केन्द्रों में अब तक एक दाना भी धान नहीं पहुंचा है। जब तक डुबान संघर्ष समिति की मांगे पूरी नहीं होती, तब तक धान नहीं बेचने क्षेत्र के किसान एकजुट हैं। मांगे पूरी नहीं होती देख किसान हाइवे पर उतरकर प्रदर्शन करने के लिए रणनीति बनाने में जुट गए हैं। वहीं किसानों को धान बेचने मनाने के लिए अधिकारियों की टीम गांव पहुंच रही है।
16 नवंबर से शासन ने समर्थन मूल्य में किसानों के धान खरीदना शुरू किया। मंगलवार को खरीदी
के 9 दिन पूरे हो गए। 84 में से 81 खरीदी केन्द्रों में धान की आवक तेज होने से केन्द्र धान व बोरियों से भरने लगा है। जबकि डुबान क्षेत्र के 2 खरीदी केन्द्र अकलाडोंगरी, मोंगरागहन और नगरी-सिहावा क्षेत्र के घुटकेल में एक दाना भी धान नहीं पहुंचा है। खरीदी केन्द्र में तौल-बाट की पूजा-अर्चना के बाद से धान पहुंचने का इंतजार किया जा रहा है। समिति सदस्य व अधिकारी-कर्मचारी खरीदी के लिए सोसाइटी को खोलकर खाली बैठे हैं।
चक्काजाम की चेतावनी
डुबान संघर्ष समिति के अध्यक्ष रमेश सिन्हा, उपाध्यक्ष रामनिहोरा निषाद, प्रमुख सलाहकार विनोद तारम ने बताया कि जब तक शासन क्षेत्र को डुबान क्षेत्र को सूखाग्रस्त घोषित नहीं करता, तब तक किसान धान नहीं बेचेंगे। शासन को सौंपे ज्ञापन में जल्द ही सूखाग्रस्त घोषित किए जाने की मांग की है। सूखाग्रस्त घोषित कर किसानों के खरीफ सीजन के लिए कर्ज को माफ किया जाए। लिकिंग खरीदी पर ब्रेक लगाए। साथ ही सूखाग्रस्त क्षेत्र के लोगों को शासन द्वारा बनाई जाने वाली योजनाओं का लाभ दिया जाए। यदि किसानों की मांगे पूरी नहीं हुई, तो नेशनल हाइवे पर प्रदर्शन कर चक्काजाम करने डुबान के ग्रामीण बाध्य होंगे।
मांगें पूरी होने पर बेचेंगे धान
क्षेत्र के किसानों को धान बेचने मनाने के लिए अधिकारियों की टीम गांव पहुंच रही है। पिछले दिनों कोड़ेगांव, अरौद डूबान और कोड़ेगांव रैय्यत पहुंचकर किसानों की बैठक ली। कोड़ेगांव बी में अधिकारियों की बैठक में 400 किसान शामिल हुए। किसानों ने बैठक में अधिकारियों के सामने अपनी मांगे रखी। मांगे पूरी होने के बाद ही क्षेत्र के किसान अपना धान बेचेंगे।