अपने संबोधन में उन्होंने कहा, ‘यह जरूरी है कि हम केवायसी सेवाओं को लोगों तक पहुंचाएं ताकि आर्थिक सेवाएं आसान हों। वर्तमान में ऑनलाइन बाजार एक गेम चेंजर है क्योंकि यह घरेलू और वैश्विक बाजार के बीच की कड़ी है जो ढेर सारी अवसर उपलब्ध करवाता है।’
उन्होंने आगे कहा कि हम दूसरे स्त्रोतों से आधार और दूसरी जानकारी का उपयोग करते हुए शिक्षा ऋण सुविधा को आसान बनाने पर विचार कर रहे हैं। प्रोसेस जितनी ऑटोमेटेड होगी हम यूजर की सेफ्टी सुनिश्चित करने में उतने ज्यादा सक्षम हो पाएंगे। हम फिलहाल आर्थिक समावेशन की कगार पर हैं बस जरूरत है कि इसे लागू करने की।