श्रमिकों की मौत का मामला, चाय बागान नहीं चला सकते तो छोड़ दें: ममता

अलीपुरद्वार. उत्तर बंगाल के चाय बागानों में भूख और पैसे के अभाव में इलाज न करा पाने से श्रमिकों की हो रही मौत को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को बागान मालिकों को कड़ा संदेश दिया. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर वे (बागान मालिक) चाय बागान नहीं चला पा रहे हैं तो इसे छोड़ दें.

राज्य सरकार खुद श्रमिकों के हित में बागान चलायेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि चाय बागान के मालिक श्रमिकों को उनके अधिकारों से वंचित कर रहे हैं. पीएफ, ग्रेच्युटी से लेकर अन्य परिसेवा देने में भी आनाकानी कर रहे हैं. ममता जिले के परेड ग्राउंड मैदान में आयोजित एक सरकारी सभा को संबोधित कर रही थीं. उधर, डुआर्स के डंकन्स ग्रुप के बागराकोट चाय बागान में एक के बाद एक श्रमिकों की मौत से बागान मजदूरों में भय का माहौल समा गया है.

 

डंकन ने बागराकोट में वेतन देना शुरू किया
कोलकाता. डंकन इंडस्ट्रीज लिमिटेड के अधिकारियों ने उत्तर बंगाल में स्थित कंपनी के बागराकोट चाय बागान में कर्मचारियों को मंगलवार सुबह से वेतन देना शुरू कर दिया है. सीआइडी के एक उच्च अधिकारी ने बताया, ‘हमने सुना है कि कंपनी ने आज सुबह से बागराकोट चाय बागान के कर्मचारियों को वेतन का वितरण करना शुरू कर दिया है. लेकिन हम इसको लेकर चिंतित नहीं हैं क्योंकि हमारी जांच से इसका कोई लेनादेना नहीं है.’ गौरतलब है कि डंकन के एक चाय बागान में महिला श्रमिक की भूख से मौत होने के मामले की जांच कर रही है. सीआइडी ने कंपनी के मालिक गौरी प्रसाद गोयनका को तलब किया है. 
उन्हें सोमवार को ही भवानी भवन जा कर सीआइडी अधिकारियों से मिलना था, लेकिन शहर से बाहर होने के कारण कंपनी के एक निदेशक जांच अधिकारियों से मिले. जांच एजेंसी ने गोयनका को कोलकाता आने पर पूछताछ के लिए हाजिर होने के कहा है.

 

 

अभी भी सीएम की बाट जोह रहे हैं श्रमिक
सिलीगुड़ी़ डुवार्स स्थित डंकन्स के चाय बागानों में श्रमिक भूख और बीमारी से दम तोड़ रहे हैं. हर दिन किसी न किसी चाय श्रमिक की मौत हो रही है़ पिछले एक सप्ताह के दौरान इस चाय बागान में छह श्रमिक मारे जा चुके है़ं बागान के श्रमिकों को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के यहां आने की उम्मीद थी. मुख्यमंत्री इन दिनों जलपाईगुड़ी के दौरे पर हैं.

 

चाय बागान श्रमिकों को लग रहा था कि यदि एक बार यहां मुख्यमंत्री आ जातीं, तो चाय श्रमिकों की बदहाल स्थिति से रूबरू होतीं. मुख्यमंत्री के चाहने पर चाय श्रमिकों की समस्याओं का समाधान हो जाता. लेकिन चाय श्रमिकों की यह आस टूटने वाली है. जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री का किसी भी चाय बागान में दौरा करने का कोई कार्यक्रम नहीं है. ममता बुधवार को माल बाजार से सीधे सिलीगुड़ी के सुकना पहुंचेंगी़ उसके बाद अगले दिन पांच तारीख को सुकना से ही कोलकाता के लिए रवाना हो जायेंगी़ यहां उल्लेखनीय है कि माल बाजार महकमा में डंकन्स समूह के तीन चाय बागान है़ं इस वर्ष मई महीने मेंमटेली स्थित कंपनी के नागेश्वरी चाय बागान में तीन श्रमिकों की मौत हुई थी़ उसके बाद अब बागराकोट चाय बागान में श्रमिकों की मौत का सिलसिला जारी है़ इस चाय बागान के श्रमिक कुशल प्रधान, निर्मल शर्मा आदि ने आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अपने आने-जाने पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही हैं, लेकिन इस चाय बागान में आने की फुरसत नहीं है़ अगर मीडिया में खबरें नहीं आतीं तो चाय श्रमिकों की बदहाल स्थिति की जानकारी भी किसी को नहीं मिल पाती़

 

पैसे के अभाव में इलाज नहीं करा पा रहे हैं
नागेश्वरी चाय बागान में गोपाल लाइन की रहने वाली उर्मिला महली पैसे के अभाव में अपनी चिकित्सा नहीं करा पा रही हैं. उनकी बेटी प्रिया महली का कहना है कि पैसे के अभाव में वह अपनी मां को इलाज के लिए उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज नहीं ले जा पा रही है. वह बगैर चिकित्सा के घर में पड़ी हुई है़ दोकान लाइन का रहने वाला सुधाई बड़ाइक भी बीमार है और बगैर इलाज के मौत का दिन गिन रहा है़ चाय बागान के अन्य श्रमिकों की भी करीब-करीब ऐसी ही स्थिति है़

 

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