जयपुर। पिछले एक महीने से शराबबंदी और मजबूत लोकायुक्त की मांग पर अनशन कर रहे पूर्व विधायक गुरुशरण छाबड़ा का निधन हो गया है। छाबड़ा ने एसएमएस अस्पताल में सुबह 4.30 बजे अंतिम सांस ली। छाबड़ा की पार्थिव देह को उनके गोविंदपुरी आवास पर लाया गया। एसएमएस अस्पताल से उनके घर तक चिकित्सा मंत्री राजेंद्र राठौड़ और सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री अरुण चतुर्वेदी सहित कई सामाजिक कार्यकर्ता साथ आए। छाबड़ा पिछले 2 अक्टूबर से अनशन पर थे, हालत बिगड़ने पर उन्हें एसएमएस अस्पताल में भर्ती करवाया गया, सोमवार सुबह उनकी तबियत अचानक बिगड़ी, उसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। छाबड़ा के निधन पर सामाजिक कार्यकर्ताओं में भारी रोष है। सामाजिक कार्यकर्ताअरों ने आरोप लगाया है कि पिछली बार सरकार से समझौता हुआ था, उसे जब लागू नहीं किया तब वे अनशन पर बैठे थे। इस बार सरकार का कोई प्रतिनिधि उनसे मिलने तक नहीं आया, अगर सरकार संवाद करती तो छाबड़ा की जान बच जाती।
कांग्रेस नेता प्रतापसिंह खाचरियावास ने मजबूत लोकायुक्त की मांग पर आंदोलन करने की घोषणा की है। खाचरियावास ने छाबड़ा के घर पर कहा कि छाबड़ा के बलिदान को कांग्रेस बेकार नहीं जाने देगी और मजबूत लोकायुक्त की मांग को लेकर वे खुद सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे।
सामाजिक करार्यकर्ताओं ने कहा, सरकार की संवेदनहीनता और संवादहीनता ने ली छाबड़ा की जान, अनशनकारी की पहली मौत :
गुरुशरण छाबड़ा की मौत पर सामाजिक कार्यकर्ताओं में भारी रोष है। सामाजिक कार्यकर्ताओं ने छाबड़ा की मौत के लिए सरकार की संवादहीनता और सवेदीनहीनता को जिम्मेदार ठहराया है। सामाजिक कार्यकर्ता और छाबड़ा के सहयोगी सवाईसिंह और धर्मवीर कटेवा ने कहा कि छाबड़ा जब पिछले साल अनशन पर बैठे थे, उस समय सरकार ने लिखित समझौता किया था। जब लिखित समझौते की पालना नहीं की तब छाबड़ा ने सरकार को बार बासर पत्र लिखे।
मुख्यमंत्री, मुख्यसचिव से लेकर हर स्तर पर चिट्ठी लिखकर सरकार को समझौते में किया गया वादा याद दिलाया। जब सरकार से कोई रेस्पॉन्स नहीं मिला तो छाबड़ा 2 अक्टूबर को अनशन पर बैठे। इस बार जब अनशन पर बैठे तो सरकार के किसी प्रतिनिधि ने बात करना तक उचित नहीं समझा। जिन दो मंत्रियोें राजेंद्र राठौड़ और अरुण चतुर्वेदी के समझौते पर दस्तखत थे वे तक बात करने नहीं आए। सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि प्रदेश में किसी अनशनकारी की यह पहली मौत है। इस पूरे मामले में सरकार ने संवेदनहीनता की पराकाष्ठा की है।