‘मैं ट्रांसजेंडर हूं, तो वे किसी भी तरह से बर्ताव कर सकते हैं’

नई दिल्‍ली। एक ट्रांसजेंडर अपने दोस्‍त के साथ पार्टी से लौट रही थी। कुछ लोग उसे छूना चाहते थे, बात करना चाहते थे इसका विरोध करने पर उन्‍होंने हमला कर दिया। पढ़‍िए उस ट्रांसजेंडर की कहानी, उसी की जुबानी।

बीती रात को मैं अपने दोस्‍तों के साथ डिनर करके अपने ब्‍वॉयफ्रेंड के साथ लौट रही थी। कुछ लोगों ने हमारे ऊपर हमला कर दिया और वे हिंसक सिर्फ इसलिए हो गए क्‍योंकि वे मेरे शरीर को छूना चाहते थे और मुझसे बात करना चाहते थे। जब मैंने और मेरे ब्‍वॉयफ्रेंड ने इसका विरोध किया, तो वे नाराज हो गए और हमें मारना शुरू कर दिया।

वे लोग सोचते हैं कि एक ट्रांसजेंडर होने के कारण मुझसे कैसा भी व्‍यवहार किया जा सकता है। वे जैसी चाहें वैसी मनमानी कर सकते हैं और मुझे इसका विरोध नहीं करना चाहिए। इस पितृसत्‍तात्‍मक समाज में यह तथ्‍य बना है कि आप महिला हैं या महिलाओं जैसी हैं आपके स्‍त्रीयत्‍व पर हमला किया जाएगा।

मुझे कोई आईडिया नहीं है कि अल्‍पसंख्‍यकों के प्रति इस घृणित सोच के साथ किस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। रुधरानी छेत्री चौहान पर किया गया यह हमला, एक बार फिर बराबरी का दावा करने वाले इस समाज पर पितृसत्‍तात्‍मक होने का दाग लगाता है।

लॉजिकल इंडियन ने भारत सरकार से मांग की है कि इस घटना के दोषियों को सजा मिले। साथ ही ऐसा कठोर कानून बनाया जाए, जिससे ऐसे हमलों के खिलाफ ट्रांसजेंडर समुदाय का सशक्‍तीकरण हो और उनकी सुरक्षा को सुनिश्‍िचत किया जा सके।

 

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